इस साल 11 सितंबर को अमेरिका में हुई 9/11 आतंकवादी घटना की 20वीं वर्षगांठ है, जो अल-कायदा के पूर्व नेता ओसामा बिन लादेन के मारे जाने की 10वीं बरसी भी है। हाल ही में सीएमजी संवाददाता ने फिर एक बार उत्तर पाकिस्तान में स्थित ओसामा बिन लादेन के ठिकाने का दौरा किया। 20 वर्ष पहले यानी 11 सितंबर, 2001 को अमेरिका में एक गंभीर आतंकवादी घटना हुई, जिसमें 2996 लोगों की मौत हुई, और 2 खरब डॉलर का आर्थिक नुकसान भी हुआ। इसके बाद अमेरिका के नेतृत्व वाली संयुक्त सेना ने आतंकवाद का विरोध करने के नाम पर अफगान युद्ध शुरू किया। 20 वर्षों में नाटो के 1.4 लाख सैनिकों और अफगानिस्तान में स्थित 2.5 लाख अमेरिकी सैनिकों ने इस युद्ध में खरबों अमेरिकी डॉलर खर्च किये।
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गौरतलब है कि अमेरिका द्वारा किये गये अफगान युद्ध ने पाकिस्तान समेत आसपास के देशों पर बड़ा प्रभाव डाला। पाकिस्तान प्रधान मंत्री इमरान खान के अनुसार पाकिस्तान अफगान युद्ध से पीड़ित था, जिससे 75000 लोग हताहत हुए और 1 खरब 23 अरब डॉलर का आर्थिक नुकसान भी हुआ है।
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हालांकि, ओसामा बिन लादेन की हत्या की गयी है, लेकिन युद्ध क्यों जारी रहा? वास्तव में अमेरिका का अपना लक्ष्य था। ऐबटाबाद व्यापार व वाणिज्य संघ के अध्यक्ष फैक एलियास के अनुसार अमेरिका का लक्ष्य पाकिस्तान और चीन है। अफगानिस्तान अमेरिका के लिये एक सुरक्षित जगह है इसलिए वह अफगानिस्तान में उक्त दोनों देशों की निगरानी कर सकता है।
आईएएनएस के इनपुट के साथ
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