भारतीय कारोबारी भगोड़े विजय माल्या के प्रत्यर्पण केस में आज लंदन की एक अदालत में सुनवाई की जाएगी है। इस सुनवाई के दौरान अगर ब्रिटेन कोर्ट माल्या की कुछ दिन और इंग्लैंड में रहने की इजाजत वाली याचिका ख़ारिज करती है तो जल्द ही माल्या को भारत लाया जाएगा। हालांकि माल्या कि इस याचिका को 5 अप्रैल को ही खारिज कर दिया गया था। भारतीय समयनुसार तीन बजे के बाद यह सुनवाई शुरू की जाएगी।
जस्टिस लिगेट और और जस्टिस पॉपलिवेल की बेंच माल्या की याचिका पर सुनवाई करेगी। यह सुनवाई चार घंटे तक चलेगी। हालांकि ब्रिटेन कोर्ट से अपने पक्ष में फैलसा न मिलने पर विजय के पास ब्रिटेन की सुप्रीम कोर्ट में अपील करने का विकल्प अभी भी बचा हुआ है।
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प्रत्यर्पण बैरिस्टर मैलकर हॉक्स के मुताबिक, 'अगर माल्या को सुप्रीम कोर्ट में अपील की इजाज़त मिलती है तो पूरी सुनवाई अगले तीन से 4 महीने में शुरू हो जाएगी। फिलहाल विजय माल्या को बेंच के सामने यह साबित करना होगा कि उनकी प्रत्यर्पण संबंधी याचिका को स्टेट सेक्रेटरी के पास भेजने का जिला जज का फैसला गलत था।'
माल्या जैसे केसों की सुनवाई के लिए आमतौर पर कोर्ट आधे घंटे का समय देती है, लेकिन विजय के केस की सुनवाई के लिए ब्रिटेन कोर्ट ने चार घंटे का स्लॉट रखा है। बैरिस्टर मैलकर हॉक्स ने कहा, 'आम तौर पर एक जज की बेंच ही ऐसे मामलों की सुनवाई करते हैं। इस केस में 2 जजों की बेंच है और सुनवाई की समय सीमा भी 4 घंटे तय की गयी है। हो सकता है कि ऐसे में जज अपना फैसला सुरक्षित रखें या तुरंत फैसला सुनाएं। या ये भी हो सकता है कि तुरंत फैसला देने के बाद भी जज आदेश की लिखित प्रति देने के लिए कोई दूसरा समय तय करें। अगर जज फैसला सुरक्षित रखते हैं तो कोई समय तय नहीं है कि वह अपना फैसला कब सुनाएंगे।'
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