दुनिया

ट्रंप ने ईरान के साथ परमाणु डील से अलग होने का किया ऐलान, फ्रांस,जर्मनी, रूस ने जताई निराशा 

अमेरिका ने ईरान के साथ हुए ऐतिहासिक परमाणु समझौते से खुद को अलग कर लिया है। राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने व्हाइट हाउस से इसका ऐलान किया।

फोटो: सोशल मीडिया
फोटो: सोशल मीडिया  अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप

अमेरिका ने ईरान के साथ परमाणु समझौता तोड़ने का ऐलान कर दिया है। ईरान की चेतावनी के बावजूद अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने 2015 में हुए परमाणु समझौते को खत्म करने का फैसला लिया। यह न्यूक्लियर डील ईरान और 6 वैश्विक शक्तियों के बीच साल 2015 में हुई थी, जिसमें अमेरिका, ब्रिटेन, चीन, फ्रांस, जर्मनी, रूस और ईरान शामिल थे। ट्रंप ने कहा, ‘मेरे लिए यह स्पष्ट है कि हम ईरान के परमाणु बम को रोक नहीं सकते और ईरान समझौता मूल रूप से दोषपूर्ण है।’

Published: 09 May 2018, 8:57 AM IST

उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा कि अगर न्यूक्लियर हथियारों को लेकर किसी देश ने ईरान की मदद की, तो उसके खिलाफ भी कड़े प्रतिबंध लगाए जाएंगे। उन्होंने कहा कि इससे दुनिया में यह संदेश जाएगा कि अमेरिका सिर्फ धमकी ही नहीं देता है, बल्कि करके भी दिखाता है। इससे पहले अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने चेतावनी दी थी कि वो इस परमाणु समझौते को 12 मई से आगे नहीं बढ़ाएंगे।

इसके बाद ट्रंप ने टि्वटर पर कहा, ‘‘वार्ता से दूर रहो जॉन, तुम अपने देश को नुकसान पहुंचा रहे हो।’’

Published: 09 May 2018, 8:57 AM IST

डोनाल्ड ट्रंप के ऐलान के बाद ईरान के राष्ट्रपति हसन रूहानी ने कहा, “उनका देश अमेरिका के बिना भी इस न्यूक्लियर डील में बना रहेगा और इस फैसले पर वे यूरोप, रूस और चीन से बात करेंगे”

Published: 09 May 2018, 8:57 AM IST

अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा ने भी इस फैसले को बड़ी गलती बताया है। उन्होंने कहा कि इससे अमेरिका की वैश्विक विश्वसनीयता खत्म हो जाएगी।

Published: 09 May 2018, 8:57 AM IST

रूस ने ट्रंप के इस फैसले को बेहद निराशजनक बताया।

Published: 09 May 2018, 8:57 AM IST

वहीं इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने इस फैसले का स्वागत किया है। उन्होंने कहा कि इस समझौते से अमेरिका को अलग करने का ट्रंप का फैसला बिल्कुल सही और साहसिक है। फ्रांस के राष्ट्रपति एमानुएल मैक्रों ने इस फैसले पर दुख जताते हुए कहा है कि अमेरिका के इस फैसले से रूस, जर्मनी और ब्रिटेन निराश हैं।

जुलाई 2015 में ओबामा प्रशासन के दौरान परमाणु समझौता किया गया था। समझौते के मुताबिक ईरान को अपने यूरेनियम के भंडार को कम करना था और अपने परमाणु संयंत्रों को निगरानी के लिए खोलना था, बदले में उसपर लगे आर्थिक प्रतिबंधों में आंशिक रियायत दी गई थी। लेकिन डोनाल्ड ट्रंप का आरोप था कि ईरान ने दुनिया से छिपकर अपने परमाणु कार्यक्रम को जारी रखा।

Published: 09 May 2018, 8:57 AM IST

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Published: 09 May 2018, 8:57 AM IST

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