अरबपति व्यवसायी एलन मस्क की ट्विटर कंपनी में हिस्सेदारी बढ़ाने की कोशिशों को कड़ी चुनौती मिली है। दुनिया के सबसे अमीर शख्स मस्क ने हाल ही में ट्विटर की करीब 9 फीसदी हिस्सेदारी खरीदी थी, जिसके बाद उन्होंने पूरी कंपनी खरीदने के लिए भी एक प्रस्ताव दे दिया था। इससे सकते में आए ट्विटर कंपनी के बोर्ड ने एक नई योजना बनाई है, जिससे कंपनी में 15 फीसदी से ज्यादा हिस्सेदारी खरीदना किसी एक शख्स या संस्था के लिए काफी मुश्किल हो जाएगा। इस योजना को 'प्वायजन पिल' नाम दिया गया है। कंपनी में हिस्सेदारी से जुड़ी यह योजना 14 अप्रैल, 2023 तक लागू रहेगी। हाल ही में मस्क ने ट्विटर को करीब 43 अरब डॉलर की मार्केट वैल्यू पर खरीदने की पेशकश की थी, जिसे कंपनी बोर्ड ने अस्वीकार कर दिया था।
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सोशल मीडिया की दिग्गज कंपनी ट्विटर ने एक आधिकारिक बयान में कहा है कि "ट्विटर का अधिग्रहण करने के एक अवांछित और गैर-बाध्यकारी प्रस्ताव के मद्देनजर कंपनी बोर्ड ने हिस्सेदारी संबंधी योजना को स्वीकार कर लिया है।" कंपनी ने कहा है कि इस योजना के तहत कोई भी शख्स या संस्था, सभी शेयरधारकों को मार्केट वैल्यू से ज्यादा पैसा चुकाए बिना या शेयरधारकों के हित में फैसला लेने के लिए बोर्ड को पर्याप्त समय दिए बिना हिस्सेदारी नहीं खरीद पाएगा।
ट्विटर ने स्पष्ट किया है कि यह योजना किसी भी तरह से कंपनी के प्रबंधक बोर्ड की शक्तियों को कम नहीं करती। कंपनी बोर्ड को अगर लगता है कि ट्विटर के अधिग्रहण या हिस्सेदारी खरीदने का कोई प्रस्ताव ट्विटर और उसके शेयरधाकरों के हित में है तो वो उन प्रस्तावों पर विचार कर सकते हैं। यह सारे नियम सिर्फ तब ही लागू हों, अगर कोई एक शख्स या संस्था 15 फीसदी से ज्यादा हिस्सेदारी लेने की कोशिश करेगा।
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पब्लिक ट्रेडेड कंपनियों में शेयर धारकों के पास कुछ अधिकार होते हैं। इनमें कंपनी से जुड़े कुछ कॉर्पोरेट मामलों में वोटिंग का भी अधिकार होता है। ऐसे में कयास लगाए जा रहे हैं कि अगर मस्क ने ट्विटर में नियंत्रण स्थापित करने लायक हिस्सेदारी खरीद ली, तो वह कंपनी से जुड़े फैसलों के मामले में बेहद प्रभावी स्थिति में आ जाएंगे।
एक बड़े शेयर धारक के साथ ट्विटर का अतीत में भी एक चर्चित मामला रहा है। 2020 में अमेरिकी निवेश प्रबंधन फर्म 'ऐलियट मैनेजमेंट' ने ट्विटर में चार प्रतिशत हिस्सेदारी खरीद ली थी। फिर उसने कंपनी में बदलाव लागू करने पर जोर देना शुरू किया। इनमें तत्कालीन सीईओ जैक डोर्सी को पद से हटाना भी शामिल था।
इस तरह के निवेशक 'एक्टिविस्ट इन्वेस्टर' कहलाते हैं। यह पहले किसी कंपनी में बड़ी हिस्सेदारी खरीदते हैं। फिर वहां प्रबंधन, कामकाज, कॉर्पोरेट ढांचा और रणनीति जैसे मामलों में बदलाव लाने के लिए कंपनी पर जोर डालते हैं, ताकि शेयर की कीमतें बढ़ा सकें। मस्क के हालिया रवैये से स्पष्ट नहीं है कि वह भी ऐसा करने की सोच रहे हैं या फिर उनका इरादा ट्विटर में लंबे समय तक बने रहने का है।
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'प्वायजन पिल' योजना के बाद मस्क के इरादों को झटका लगा है। जानकारों की मानें तो अगर मस्क ट्विटर का अधिग्रहण हर हाल में करना ही चाहते हैं तो उन्हें हजारों रिटेल शेयरधारकों का समर्थन चाहिए होगा। इससे वे कंपनी के मौजूदा डायरेक्टरों को बाहर निकालने में कामयाब हो सकते हैं और अपनी पसंद के लोगों को कंपनी बोर्ड में बिठा पाएंगे।
हालांकि यह सब आसानी से कर पाना लगभग नामुमकिन है। इसके अलावा सवाल पैसे का भी है। ट्विटर का करीब 9 फीसदी हिस्सा खरीदने के लिए मस्क ने टेस्ला कंपनी में अपनी हिस्सेदारी थोड़ी सी कम की थी। लेकिन ट्विटर के अधिग्रहण के लिए उन्हें टेस्ला की बड़ी हिस्सेदारी छोड़नी पड़ सकती है।
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