तुर्की और कतर की कंपनियां अफगानिस्तान में हवाई अड्डे के संचालन पर चर्चा करेंगी, और इस मुद्दे पर तालिबान के साथ बातचीत करेंगी। राज्य द्वारा संचालित टीआरटी ब्रॉडकास्टर ने बुधवार को तुर्की के राष्ट्रपति रेसेप तईप एर्दोगन के हवाले से ये जानकारी दी। एर्दोगन ने अपनी दो दिवसीय यात्रा के दौरान पत्रकारों से कहा, "कतर पक्ष ने निजी क्षेत्र से एक नाम निर्धारित किया है। इसी तरह, तुर्की पक्ष ने इस मुद्दे पर एक नाम निर्धारित किया है। ये कंपनियां एक-दूसरे के साथ और तालिबान के साथ भी कतर में बातचीत करेंगी।"
समाचार एजेंसी सिन्हुआ ने तुर्की के राष्ट्रपति के हवाले से कहा कि यदि उपयुक्त परिस्थितियां, विशेष रूप से सुरक्षा प्रदान की जाती हैं, तो तुर्की और कतर काबुल में हवाईअड्डे चलाएंगे। यह देखते हुए कि तुर्की और कतर ने दोहा की अपनी यात्रा के दौरान 15 समझौतों पर हस्ताक्षर किए, एर्दोगन ने कहा कि खाड़ी देश के साथ तुर्की के द्विपक्षीय संबंध एक नए स्तर पर पहुंच गए हैं।
क्षेत्रीय और वैश्विक मुद्दों के प्रति तुर्की और कतर की नीतियां ओवरलैप होती हैं, उन्होंने कहा, तुर्की-कतर संबंधों को जोड़ने से क्षेत्र की सुरक्षा और स्थिरता में महत्वपूर्ण योगदान होगा। एर्दोगन ने यह भी कहा कि अगर तुर्की फिलिस्तीन के संबंध में ठोस कदम उठाता है तो तुर्की इजरायल के साथ संबंध सुधारने के लिए तैयार है।
उन्होंने कहा कि इजरायल को इस क्षेत्र में अपनी फिलीस्तीनी नीति के बारे में अधिक संवेदनशील होने की जरूरत है। जेरूसलम और अल-अक्सा मस्जिद के बारे में अधिक संवेदनशील होने की जरूरत है। जैसे ही हम यहां संवेदनशीलता देखेंगे, हम अपने कदम आगे बढ़ाएंगे।
आईएएनएस
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