अफगानिस्तान के कुनार प्रांत में अमेरिकी ड्रोन हमले में तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (टीटीपी) का प्रमुख मुल्ला फजलुल्ला मारा गया। उस पर स्वात घाटी में अपने संगठन के अभियान को उस समय संचालित करने का अरोप है, जब 2012 में पाकिस्तानी कार्यकर्ता मलाला यूसुफजई को गोली मारी गई थी।
Published: undefined
अफगानिस्तान के विदेश मंत्रालय ने यह जानकारी दी। रक्षा मंत्रालय के प्रवक्ता मोहम्मद रादमनिश ने सीएनएन को बताया कि 2013 में टीटीपी की कमान संभालने वाला फजलुल्ला कुनार प्रांत में हमले में मारा गया।
इससे पहले, अमेरिकी सुरक्षाबल-अफगानिस्तान के प्रवक्ता लेफ्टिनेंट कर्नल मार्टिन ओ डोनेल ने वॉइस ऑफ अमेरिका को बताया कि अमेरिकी बलों ने अफगानिस्तान और पाकिस्तान की सीमा के पास कुनार प्रांत में 13 जून को आतंकवाद रोधी हमले किए थे।
स्थानीय लोगों ने भी उसकी मौत की पुष्टि की है। हालांकि, पेंटागन के अधिकारियों ने इस मामले में कोई टिप्पणी करने से इनकार कर दिया है। अमेरिकी अधिकारियों ने कहा कि 2013 में संगठन का प्रमुख बनने के बाद से फजलुल्ला ने अमेरिकी और पाकिस्तानियों को निशाना बनाते हुए कई हमलों को अंजाम दिया, जिसमें दिसंबर 2014 में पेशावर में आर्मी पब्लिक स्कूल पर हमला भी शामिल है, जिसमें 151 लोग मारे गए थे।
पाकिस्तान की सामाजिक कार्यकर्ता मलाला यूसुफजई पर 2012 में हुए हमले के पीछे भी उसका हाथ माना जाता है। अमेरिकी विदेश विभाग ने मार्च में फजलुल्ला पर 50 लाख डॉलर का इनाम रखा था।
Published: undefined
अफगानिस्तान राष्ट्रपति अशरफ गनी द्वारा ऐलान किया गया, “अमेरिकी सेना-अफगानिस्तान और नाटो के नेतृत्व वाली साहसी सहायक बलों ने अफगान तालिबान के साथ अफगानिस्तान सरकार के एकतरफा युद्धविराम का पालन करना जारी रखा है।"
उन्होंने आगे कहा, “जैसा पहले ही कहा जा चुका है, संघर्षविराम में क्षेत्रीय और आतंकवादी संगठनों के खिलाफ अमेरिका का आतंकवाद-रोधी प्रयास शामिल नहीं है।”
Published: undefined
Google न्यूज़, नवजीवन फेसबुक पेज और नवजीवन ट्विटर हैंडल पर जुड़ें
प्रिय पाठकों हमारे टेलीग्राम (Telegram) चैनल से जुड़िए और पल-पल की ताज़ा खबरें पाइए, यहां क्लिक करें @navjivanindia
Published: undefined