पिछले दिनों अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने दुनिया के सबसे खूंखार आतंकी और ISIS सरगना अबु बक्र अल-बगदादी के मारे जाने की पुष्टि की थी। ट्रंप ने दावा किया था कि बगदादी कुत्ते की तरह मारा गया था और अब दुनिया सुरक्षित है। लेकिन अब ताजा रिपोर्ट्स के मुताबिक बगदादी की मौत को लेकर अमेरिकी राष्ट्रपति के बयान पर कई तरह के सवाल उठ रहे हैं।
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दरसल रविवार को डोनाल्ड ट्रंम ने अपने एक बयान में कहा था कि शनिवार यानी 26 अक्टूबर की रात को अमेरिकी सेना ने ISIS चीफ अबु बक्र अल बगदादी को एक ऑपरेशन के दौरान मौत के घाट उतार दिया। ट्रंप इस पूरे ऑपरेशन को देख रहे थे। ट्रंप ने बताया था कि मरने से पहले अपनी जान बचाने के लिए बगदादी रो रहा था, गिड़गिड़ा रहा था। इसके आलवा ट्रंप ने बताया था कि खुद को फंसता देख कर बगदादी ने अपने शरीर पर बंधी वेस्ट को आग लगा दी और खुद को बम से उड़ा लिया था। इस दौरान उसके तीन बच्चे भी मारे गए थे।
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New York Times के मुताबिक नाम न बताने की शर्त पर अमेरिकी सेना के अधिकारियों ने कहा कि उन्हें इस ऑपरेशन की पूरी जानकारी शेयर करने की अनुमति नहीं है। सेना के अधिकारियों ने यह भी कहा है कि बगदादी की मौत को लेकर किए गए ट्रंप के दावों का उनके पास कोई ठोस सबूत नहीं है। एक अमेरिकी अधिकारी के मुताबिक ट्रंप का बगदादी की मौत की कहानी सुनाने का मकसद केवल लोगों की वाहवाही लूटना था। अधिकारियों ने कहा कि राष्ट्रपति ऑपरेशन की जिस वीडियो को देख रहे थे, उसमें ऑडियो भी नहीं था। व्हाइट हाउस ने भी अभी तक इसकी पुष्टि नहीं की है।
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बगदादी की मौत के दो दिन बाद अमेरिका की ओर से इस पूरे ऑपरेशन का वीडियो और तस्वीर जारी की गई थी। जिसमें अमेरिकी सेना बड़े ही सुनियोजित तरीके से बगदादी के ठिकाने पर हमला करते दिख रही थी। हालांकि यह ऑपरेशन करीब 2 घंटे तक चला लेकिन इस दौरान बगदादी के रोने, चीखने, चिल्लाने या गिड़गिड़ाने की पुष्टि किसी ने भी नहीं की।
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तो क्या ट्रंप ने दुनिया से झूठ बोला!
अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति जॉर्ज बुश के एडवाइज़र ने कहा है कि ट्रंप को लगातार झूठ बोलने की आदत है। इसके आलावा Washington Post ने दावा किया है कि राष्ट्रपति बनने के बाद से ट्रंप ने 13000 झूठे बयान दिए हैं। एक सर्वे में ये बात भी सामने आई थी कि 19 फीसदी लोग ही ऐसा मनाते हैं की ट्रंप सच बोलते जबकि जबकि 40 फीसदी लोगों ने कहा था कि वो कभी-कभी सच बोलते हैं। इसके अलावा 41 फीसदी लोगों ने माना था कि ट्रंप कभी भी सच नहीं बोलते। अमेरिकी मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक राष्ट्रपति चुनाव से पहले ट्रंप ने लोगों की वाहवाही लूटने के लिए कई ऐसे झूठे बयान दिए।
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