ईरान: कोरोना से पहले अफवाह ने ली जान, Covid-19 की दवा समझकर पी गए मेथेनॉल, 300 लोगों की मौत
दुनियाभर में कोरोना वायरस के चलते हजारों लोगों की मौत हो चुकी है। मीडिल ईस्ट में भी इस महामारी की वजह से कई मुल्क परेशान हैं। इस बीच ईरान से एक और दिल दहलाने वाली खबर सामने आई है जहां अफवाह के चलते 300 लोगों की मौत हो चुकी है। दरअसल, कोरोना वायरस के जद में बुरी तरह से फंसे इस मुल्क में अचानक खबर फैल गई कि मेथेनॉल पीने से कोरोना का संक्रमण ठीक हो रहा है जिसके बाद काफी संख्या में लोगों ने मेथेनॉल का सेवन किया जिसके चलते कई लोगों की तबीयत बिगई गई और साथ ही 300 लोगों की मौत हो गई। इसके अलावा इसके सेवन से 1000 से ज्यादा लोगों की तबियत खराब हो गई है। डॉक्टरों का कहना है कि ज्यादा ही लोगों की मौत हुई है। बच्चा अंधा हुआ: मेथेनॉल पीने से जहां कई लोगों की जान चली गई है वहीं खबर यह भी है कि पांच साल के एक बच्चे की आंखों की रोशनी चली गई है। ईरानी मीडिया के मुताबिक इस बच्चे के मां-बाप ने उसे मेथेनॉल पीने के लिए दिया था। स्थानीय मीडिया के मुताबिक ईरान के कई इलाकों में मेथेनॉल बेचने वाले घूम रहे हैं और उनका दावा है कि इससे कोरोना वायरस ठीक हो रहा है। यहां एक फेक न्यूज वायरल हुई थी, जिसके मुताबिक मेथेनॉल पीकर कोरोना वायरस से बचा जा सकता है।
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भारत की तर्ज पर ब्रिटेन में भी स्वास्थ्यकर्मियों के लिए बजी तालियां और थालियां, वीडियो हो रहा वायरल
यूनाइटेड किंगडम (यूके) में शुक्रवार को भारत की तर्ज पर ही लोगों ने अपने घरों में रहते हुए डॉक्टरों और स्वास्थ्यकर्मियों को तालियां और थालियां बजाकर उन्हें सलामी दी। कोरोनावायरस के खिलाफ लड़ाई में जुटे स्वास्थ्यकर्मियों के लिए लोगों ने क्लैप फॉर केयरर्स कार्यक्रम के तहत तालियां बजाईं। इसमें ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन और राजपरिवार के लोग भी शामिल हुए। हजारों की संख्या में लोग अपने घरों की छत और बाल्कनियों में आकर स्वास्थ्यकर्मियों के अभिवादन के लिए जुटे।
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दावा: अब सिर्फ पांच मिनट में कोरोना संक्रमितों का पता चलेगा, हर महीने हो सकेगी 50 लाख लोगों की जांच
दुनियाभर में कोरोनावायरस का संकट गहराता जा रहा है। अब तक 195 देशों में करीब 5.50 लाख लोग इससे संक्रमित हुए हैं, जबकि करीब 27 हजार लोगों की मौत हुई है। अमेरिका में ही अब तक 1 लाख लोग कोरोनावायरस से संक्रमित पाए गए हैं। वहीं 1500 से ज्यादा लोगों की मौत हुई है। अमेरिका के साथ-साथ दुनिया के कई अन्य देश इस वक्त टेस्ट किट की कमी से जूझ रहे हैं। ऐसे में अमेरिकी मेडिकल कंपनी एबॉट ने कोरोनावायरस की पहचान के लिए टेस्ट किट लॉन्च की है।
कंपनी के मुताबिक, इस टेस्ट किट से कहीं भी और कभी भी 5 मिनट के अंदर कोरोनावायरस संदिग्ध को टेस्ट किया जा सकेगा। साथ ही तुरंत ही यह बताया जा सकेगा कि वह संक्रमित है या नहीं। एबॉट की योजना के मुताबिक, 1 अप्रैल से कंपनी हर दिन 50,000 टेस्ट्स तक सप्लाई करने में सफल हो जाएगी। एबॉट के प्रेसिडेंट जॉन फ्रेल्स के मुताबिक, टेस्ट किट के मॉलिक्यूलर टेस्ट से सिर्फ 5 मिनट में ही इंसान के अंदर कोरोनावायरस के जीनोम को पहचाना जा सकेगा। जबकि इसकी पुष्टि करने के लिए महज 13 मिनट का विस्तृत टेस्ट भी किया जा सकेगा। एबॉट इस किट को उपलब्ध करा के हर महीने टेस्टिंग क्षमता 50 लाख पहुंचाना चाहती है।
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अमेरिका में कोरोना का कहर जारी: अब तक 1,00,000 से ज्यादा संक्रमित, 1500 से अधिक लोगों की मौत
दुनिया की सबसे शक्तिशाली देश माने जाने वाला अमेरिका में कोरोना वायरस का कहर लगातार जारी है। अब तक कोरोना वायरस के मामले लगातार बढ़ रहे हैं। हैरानी वाली बात है कि अब ये 1,00,000 का आंकड़ा पार कर चुके हैं। शुक्रवार को जॉन्स हॉपकिन्स विश्वविद्यालय के ट्रैकर ने यह फैक्ट्स सामने रखे। अमेरिका में शुक्रवार शाम छह बजे तक 1,544 मौत समेत 1,00,717 मामले दर्ज किए गए। यह भी बताना चाहेंगे कि सबसे अधिक मामले न्यूयॉर्क से सामने आ रहे हैं। अमेरिका में संक्रमण के मामलों में दूसरे नंबर के देश इटली से करीब 15,000 और चीन से 20,000 से अधिक मामले हैं। सबसे पहले इस बीमारी का पता चीन में ही चला था और वह इसका केंद्र बनकर सामने आया।
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कोरोनावायरस से लड़ने के लिए अमेरिका ने किया भारत को 29 लाख डॉलर की मदद का ऐलान
अमेरिका ने कोरोना वायरस वैश्विक महामारी से निपटने में मदद करने के मकसद से भारत समेत 64 देशों को 17.4 करोड़ डॉलर की अतिरिक्त आर्थिक सहायता देने की शुक्रवार को घोषणा की। इस राशि में से 29 लाख डॉलर मदद के तौर पर भारत को दिए जांएगे। यह फरवरी में अमेरिका की ओर से घोषित 10 करोड़ डॉलर की मदद के अलावा है। फिलहाल घोषित की गई नयी राशि रोग नियंत्रण एवं बचाव केंद्र (सीडीसी) समेत विभिन्न विभागों एवं एजेंसियों के विशाल अमेरिकी वैश्विक प्रतिक्रिया पैकेज का हिस्सा है। यह वित्तीय मदद वैश्विक महामारी के खतरे का सामना कर रहे सबसे ज्यादा जोखिम वाले 64 देशों के लिए है। अमेरिकी विदेश मंत्रालय ने कहा कि वह प्रयोगशाला तंत्र स्थापित करने, मामलों की खोज और घटनाओं पर आधारित निगरानी को क्रियाशील बनाने तथा प्रतिक्रिया एवं तैयारी के लिए तकनीकी विशेषज्ञों की सहायता आदि में मदद करने के मकसद से भारत सरकार को 29 लाख डॉलर की मदद दे रहा है।
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