इंडोनेशिया के सुलावेसी द्वीप और इसके आसपास के इलाके में भूकंप और सूनामी ने भारी तबाही मचाई है। भूकंप और सूनामी के चलते अब तक 384 लोगों की मौत हो चुकी है। इस त्रासदी में लोगों के मारे जाने की यह संख्या इंडोनेशिया की नैशनल डिजास्टर एजेंसी ने बताई है।
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इससे पहले इंडोनेशिया के एक अस्पताल से इस हादसे में 30 लोगों की मौत की पुष्टि की। कोमांग आदि सुजेंद्र ने मेट्रो टीवी को बताया, “हमारे अस्पताल में 30 लोगों के शव है। हमें कई लोगों के इलाज के लिए विशेषज्ञों की जरूरत है। हालांकि, अभी तक इस त्रासदी में मारे गए लोगों की संख्या को लेकर कोई आधिकारिक आंकड़ा सामने नहीं आया है।
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भूकंप और सुनामी से सुलावेसी द्वीप में भीषण तबाही हुई है, जहां की आबादी करीब 3,50,000 है। इस आपदा के कारण यहां बड़ी संख्या में लोग प्रभावित हुए हैं। यहां शुक्रवार को विनाशकारी भूकंप आया था, जिसकी तीव्रता रिक्टर पैमाने पर 7.5 मापी गई थी। इस दौरान समुद्र में करीब दो मीटर (6.6 फुट) तक ऊंची लहरें उठी थीं।
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वहीं भूकंप के केंद्र से करीब 80 किलोमीटर की दूरी पर स्थित पालू शहर के एक पार्किंग और उसके बगल में स्थित बिल्डिंग के आस पास ऊंची पानी की लहरें उठती नजर आईं और तटीय इलाकों को अपनी चपेट में ले लिया। वीडियो में पानी की लहरें कई इमारतों को अपनी चपेट में लेती हुई नजर आ रही हैं।
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बता दें कि शु्क्रवार को आए भूकंप का केंद्र पालू शहर से 78 किलोमीटर की दूरी पर था। यह मध्य सुलावेसी प्रांत की राजधानी है। भूकंप की तीव्रता इतनी अधिक थी कि इसका असर यहां से करीब 900 किलोमीटर दूर दक्षिण में स्थित द्वीप के सबसे बड़े शहर माकासर तक महसूस किया गया।
इंडोनेशिया की भौगोलिक स्थिति के कारण भूकंप का खतरा हरदम बना रहता रहता है। इंडोनेशिया में पिछले महीने भी भूकंप आया था, जिसने भीषण तबाही मचाई थी। 5 अगस्त को आए भूकंप में 460 लोगों की जान चली गई थी। इससे पहले 2004 में इंडोनेशिया के सुमात्रा द्वीप में आए भूकंप और सुनामी से भी व्यापक विनाश हुआ था। इसने पूरे हिंद महासागर क्षेत्र को प्रभावित किया था। भारत में तमिलनाडु के तटीय इलाकों में व्यापक क्षति हुई थी और जानमाल का नुकसान हुआ था।
रिपोर्ट्स के अनुसार, 2004 में आई सुनामी के कारण पूरे हिंद महासागर में 2,26,000 लोगों की जान चली गई थी। इनमें से 1,20,000 से अधिक की मौत अकेले इंडोनेशिया में हो गई थी।
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