दुनिया

Kaspersky एंटीवायरस को अमेरिकी सरकार ने किया बैन, कहा- सिक्योरिटी के लिहाज से है खतरनाक

अमेरिका कॉमर्स विभाग ने Kaspersky पर बैन लगाया है। इस बैन के बाद Kaspersky एंटीवायरस सॉफ्टवेयर की अमेरिका में बिक्री पर भी बैन है।

फोटो: Ians
फोटो: Ians  

अमेरिका ने मॉस्को स्थित साइबर सुरक्षा कंपनी कैस्परस्की द्वारा बनाए गए एंटीवायरस सॉफ्टवेयर की बिक्री पर प्रतिबंध लगाने की घोषणा की है।

अमेरिकी वाणिज्य विभाग ने गुरुवार को एक बयान में कहा कि "रूसी सरकार की आक्रामक साइबर क्षमताओं और कैस्परस्की के संचालन को प्रभावित करने या निर्देशित करने की क्षमता के कारण" अमेरिका में कंपनी के संचालन से राष्ट्रीय सुरक्षा को खतरा है।

Published: undefined

बयान में कहा गया है, "कैस्परस्की अब आम तौर पर अन्य गतिविधियों के अलावा अमेरिका में अपने सॉफ़्टवेयर नहीं बेच सकेगी और न ही पहले से उपयोग किये जा रहे सॉफ़्टवेयर के अपडेट प्रदान करने में सक्षम होगी।"

विभाग ने कहा कि कैस्परस्की के व्यापक रूप से इंस्टॉल किए गए एंटीवायरस सॉफ़्टवेयर के निजी और पेशेवर यूजरों को जोखिम के कारण कोई अन्य विकल्प तलाशना चाहिए।

वाणिज्य सचिव जीना रायमोंडो ने कहा, "रूस ने बार-बार दिखाया है कि उनके पास कैस्परस्की लैब जैसी रूसी कंपनियों का शोषण करने की क्षमता और इरादा है, ताकि वे संवेदनशील अमेरिकी जानकारी एकत्र कर सकें और उसे हथियार बना सकें। हम अमेरिकी राष्ट्रीय सुरक्षा और अमेरिकी लोगों की सुरक्षा के लिए अपने पास मौजूद हर उपकरण का उपयोग करना जारी रखेंगे।"

Published: undefined

अमेरिका में कैस्परस्की सॉफ्टवेयर की बिक्री पर 20 जुलाई से प्रतिबंध लगा दिया जाएगा।

रूसी बहुराष्ट्रीय कंपनी 29 सितंबर तक मौजूदा यूजरों को सॉफ्टवेयर अपडेट प्रदान करने में सक्षम होगी।

कैस्परस्की का सॉफ्टवेयर यूजरों को ट्रोजन, स्पाइवेयर और अन्य साइबर खतरों से बचाने के लिए डिज़ाइन किया गया है।

अमेरिका में, सरकारी उपकरणों पर इसके इंस्टॉलेशन पर 2017 से प्रतिबंध लगा दिया गया है। जर्मनी में भी सूचना सुरक्षा के जुड़े संघीय कार्यालय ने सॉफ्टवेयर का उपयोग करने के खिलाफ चेतावनी दी है।

कैस्परस्की ने अपने उत्पादों से किसी प्रकार का जोखिम होने की बात से इनकार करते हुए कहा है कि यह एक निजी वैश्विक साइबर सुरक्षा कंपनी है जिसका रूसी सरकार से कोई संबंध नहीं है।

Published: undefined

Google न्यूज़नवजीवन फेसबुक पेज और नवजीवन ट्विटर हैंडल पर जुड़ें

प्रिय पाठकों हमारे टेलीग्राम (Telegram) चैनल से जुड़िए और पल-पल की ताज़ा खबरें पाइए, यहां क्लिक करें @navjivanindia

Published: undefined