बात 1989 की है। एक सऊदी शहजादे के महल में तैनात थाईलैंड के मूल निवासी एक पहरेदार ने करीब दो करोड़ डॉलर मूल्य के गहने और जवाहरात चुरा लिए थे। इनमें 50 कैरट का एक बहुमूल्य नीले रंग का हीरा भी शामिल था। चोरी के बाद सऊदी अरब ने लाखों थाई कामगारों को वीजा देना और पुराने वीजा को दोबारा जारी करना बंद कर दिया।
Published: undefined
हजारों थाई मुसलमानों को हज करने के लिए जारी किए परमिट भी निलंबित कर दिए गए। सऊदी नागरिकों को थाईलैंड ना जाने की चेतावनी भी दी गई। लेकिन 'ब्लू डायमंड अफेयर' के नाम से मशहूर यह मामला सिर्फ इतने पर रुका नहीं। चोरी हुए सामान की वापसी की कोशिश कर रहे तीन सऊदी राजनयिकों की बैंगकॉक में गोली मार कर हत्या कर दी गई।
Published: undefined
Published: undefined
बैंगकॉक में ही उन जवाहरात की तलाश कर रहा एक सऊदी व्यावसायिक गायब हो गया और बाद में उसे मृत मान लिया गया। लेकिन इन हत्याओं के लिए किसी को सजा नहीं दी गई। बाद में थाईलैंड की पुलिस ने दावा किया कि चोरी की गुत्थी सुलझा ली गई है लेकिन पुलिस ने जो जवाहरात वापस रियाद भेजे उनमें से कई नकली पाए गए।
Published: undefined
थाईलैंड के मीडिया में कई रिपोर्टों में दावा किया गया कि कई उच्च अधिकारियों की पत्नियों को हीरों के ऐसे हार पहने देखा गया जो चुराये हुए जवाहरात से बहुत मिलते जुलते थे। ऐसी अटकलें बढ़ने लगीं कि थाईलैंड के वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों ने जवाहरात को अपने पास रख लिया था और पूरे मामले पर पर्दा डालने के आदेश दे दिए थे।
Published: undefined
इस पूरे घटनाक्रम ने थाईलैंड की पुलिस में अंदर तक फैले भ्रष्टाचार और शक्ति के दुरुपयोग को उजागर कर दिया। हालांकि वो नीला हीरा कभी भी बरामद नहीं हुआ। चोरी करने वाले पहरेदार को पांच साल की जेल जरूर हुई थी लेकिन उसने गिरफ्तार होने से पहले अपने सारे जवाहरात बेच दिए. 2016 में वो एक साधु बन गया।
Published: undefined
लेकिन सऊदी से कूटनीतिक झगड़े की वजह से धीरे धीरे थाईलैंड में पर्यटकों की कमी होने लगी। साथ ही बाहर काम करने वाले थाई कामगारों द्वारा भेजे हुए पैसों में भी कमी आने लगी और थाईलैंड को अरबों डॉलर का नुकसान होने लगा. इस नुकसान से परेशान थाईलैंड पिछले कई सालों से तेल से संपन्न सऊदी अरब से अपने रिश्ते सुधारना चाह रहा था।
Published: undefined
Published: undefined
मंगलवार 25 जनवरी को थाईलैंड का यह सपना पूरा हुआ। सऊदी अरब ने दोनों देशों के बीच कूटनीतिक रिश्तों को पूरी तरह से बहाल करने के आदेश दिए। दोनों देशों ने एक बार फिर अपने अपने राजनयिकों की नियुक्ति का भी फैसला लिया।
Published: undefined
यह सब थाईलैंड के प्रधानमंत्री प्रयुथ चान-ओचा की सऊदी यात्रा के दौरान हुआ जो कि 1989 के बाद दोनों देशों के बीच सबसे उच्च स्तर की पहली कवायद है। सऊदी क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान ने प्रयुथ के साथ मिल कर बीती बातों को भुला देने का फैसला किया।
Published: undefined
आधिकारिक सऊदी प्रेस एजेंसी एसपीए द्वारा जारी किए गए एक बयान के मुताबिक दोनों नेताओं ने दोनों देशों के बीच आर्थिक, सुरक्षा और राजनीतिक संबंधों को बढ़ावा देने का भी फैसला किया। दोनों देश ऊर्जा और पेट्रोकेमिकल से लेकर पर्यटन और हॉस्पिटैलिटी जैसे क्षेत्रों में मिल कर निवेश के अवसर भी तलाशेंगे।
Published: undefined
पर्यटन सऊदी के विजन 2030 आर्थिक सुधारों की योजना का एक अहम हिस्सा है जिसका उद्देश्य है तेल पर साम्राज्य की निर्भरता को कम करना। सऊदी अरब एयरलाइंस ने भी घोषणा की कि मई में रियाद से बैंगकॉक तक सीधी उड़ानें शुरू की जाएंगी।
Published: undefined
Published: undefined
साझा बयान के मुताबिक थाई सरकार ने "1989 से 1990 के बीच थाईलैंड में सऊदी नागरिकों के साथ हुई दुखद वारदात पर अफसोस" प्रकट किया और "इन घटनाओं से जुड़े मुद्दों को सुलझाने के लिए अपनी उत्सुकता" पर जोर दिया।
Published: undefined
एसपीए में यह भी बताया गया कि थाईलैंड ने वादा किया है कि वो अगर उन हत्याओं से जुड़ा कोई "नया और प्रासंगिक सबूत" सामने आता है तो उन मामलों को फिर से उठाया जाएगा। थाईलैंड सरकार ने बताया कि सऊदी ने उन्हें कहा है कि उन्हें होटलों, स्वास्थ्य क्षेत्र और निर्माण क्षेत्र में 80 लाख कुशल कामगारों की जरूरत है।
Published: undefined
थाईलैंड ने संकेत दिया है कि इस जरूरत को पूरा करने के लिए उसके पास पर्याप्त कुशल कामगार उपलब्ध है। इस समझौते के साथ प्रिंस मोहम्मद ने ऐसी कूटनीतिक पहल की है जो पिछली सरकारों ने नहीं की थी। उन्होंने विदेश में मित्र बनाने और ईरान, कतर, तुर्की और पाकिस्तान जैसे अपने प्रांत के प्रतिद्वंदी देशों से भी रिश्ते सुधारने पर काफी ध्यान दिया है।
Published: undefined
तेल पर निर्भर अपनी अर्थव्यवस्था के आधुनिकीकरण और विविधिकरण के लिए सऊदी अरब विदेशी पर्यटकों और निवशकों को आकर्षित करने की कोशिश कर रहा है। वह मानवाधिकारों के मोर्चे पर अपनी कमजोर छवि को भी बदलने की कोशिश कर रहा है।
Published: undefined
Google न्यूज़, नवजीवन फेसबुक पेज और नवजीवन ट्विटर हैंडल पर जुड़ें
प्रिय पाठकों हमारे टेलीग्राम (Telegram) चैनल से जुड़िए और पल-पल की ताज़ा खबरें पाइए, यहां क्लिक करें @navjivanindia
Published: undefined