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तालिबान का खुलासा, आतंक पर बड़ी-बड़ी बातें करने वाले अमेरिका ने अफगानिस्तान छोड़ने से पहले किया था बड़ा समझौता!

तालिबान सरकार के कार्यवाहक विदेश मंत्री, अमीर मुत्ताकी ने खुलासा किया कि अमेरिका तालिबान सरकार को वैधता सुनिश्चित करने और उसके नेताओं को वैश्विक प्रतिबंध सूची से हटाने तथा दोहा समझौते में नामित आतंकियों की सूची से उनके नाम हटाने के लिए सहमत हुआ था।

फोटो: सोशल मीडिया
फोटो: सोशल मीडिया 

अफगानिस्तान में तालिबान के नेतृत्व वाली अंतरिम सरकार ने अमेरिका और पश्चिमी दुनिया को उन वादों की याद दिलाई है, जो अमेरिका ने इसके शीर्ष नेतृत्व को वैश्विक प्रतिबंधों और आतंकी सूची से हटाने के लिए किए थे, जिसमें इसकी सरकार की वैधता सुनिश्चित करने का वादा भी शामिल था।

तालिबान ने वाशिंगटन से अपने वादे को पूरा करने और अफगानिस्तान में सरकार की स्थापना की अनुचित आलोचना से दूर रहने का आह्वान किया है। तालिबान के नेतृत्व वाली सरकार के कार्यवाहक विदेश मंत्री, अमीर मुत्ताकी ने खुलासा किया कि अमेरिका तालिबान सरकार को वैधता सुनिश्चित करने और उसके नेताओं को वैश्विक प्रतिबंध सूची से हटाने तथा दोहा समझौते में नामित आतंकवादियों की सूची से उनके नामों को हटाने के लिए सहमत हुआ था, जिसके कारण अफगानिस्तान से विदेशी बलों की वापसी हुई है।

Published: 16 Sep 2021, 8:44 AM IST

मंत्री ने कहा, दोहा समझौते के दौरान, अमेरिका ने लिखित में दिया था कि वह अंतरराष्ट्रीय समुदाय द्वारा तालिबान के नेतृत्व वाली सरकार की वैधता सुनिश्चित करेगा और तालिबान के वरिष्ठ नेताओं के नामों को वैश्विक प्रतिबंधों और नामित सूचियों से हटाना भी सुनिश्चित करेगा।

यह बयान महत्वपूर्ण है, क्योंकि पश्चिमी देश अफगानिस्तान में तालिबान के अंतरिम सेटअप की आलोचना कर रहे हैं, जिसमें उन लोगों के नाम हैं, जिनके खिलाफ वैश्विक प्रतिबंध हैं, इसके अलावा उनके सिर पर लाखों डॉलर के इनाम भी हैं।

Published: 16 Sep 2021, 8:44 AM IST

अमेरिका के साथ ही पश्चिमी देशों और अंतरराष्ट्रीय समुदाय ने कहा है कि उनके लिए संदिग्ध इतिहास और वैश्विक प्रतिबंधों के साथ फिलहाल तालिबान नेतृत्व को पहचानना मुश्किल है और वह कोई जल्दबाजी नहीं करना चाहते हैं।

हालांकि, तालिबान का नवीनतम बयान यह खुलासा करता है कि तालिबान नेतृत्व के लिए वैश्विक वैधता दोहा समझौते का हिस्सा है, जिस पर वाशिंगटन द्वारा परस्पर सहमति व्यक्त की गई है, निश्चित रूप से इस तरह की प्रतिबद्धता के पीछे तर्क और आधार पर भौंहें चढ़ सकती हैं।

Published: 16 Sep 2021, 8:44 AM IST

दूसरी ओर, वाशिंगटन अंतरिम तालिबान सरकार को कोई मान्यता या वैधता देने से इनकार करना जारी रखे हुए है और इसने जोर देकर कहा है कि जब तक तालिबान अंतरराष्ट्रीय मांगों और चिंताओं को पूरा नहीं करता, तब तक कोई मान्यता नहीं दी जा सकती है।

अंतरराष्ट्रीय मांगों में महिलाओं और अन्य जातीय समूहों के प्रतिनिधित्व के साथ एक समावेशी सरकार का गठन, महिलाओं के अधिकारों का प्रावधान और अफगानिस्तान को आतंकवादी संगठनों के लिए एक सुरक्षित पनाहगाह में नहीं बदलने पर सकारात्मक प्रतिबद्धता शामिल है, जो अमेरिका के साथ ही क्षेत्र और बाकी दुनिया के लिए एक प्रमुख सुरक्षा चिंता का विषय बन सकता है।

Published: 16 Sep 2021, 8:44 AM IST

लेकिन तालिबान का कहना है कि अंतरराष्ट्रीय समुदाय की सभी मांगों को पहले ही पूरा किया जा चुका है, क्योंकि उनका दावा है कि वर्तमान अंतरिम सरकार वास्तव में एक समावेशी सरकार है।

कार्यवाहक विदेश मंत्री मुत्ताकी ने कहा, मौजूदा अंतरिम सरकार एक समावेशी सरकार है और इसमें सभी जातियों का प्रतिनिधित्व है। हमने शुरू से ही यह कहा है कि हमारी धरती को आतंकवाद के लिए इस्तेमाल नहीं होने दिया जाएगा और अफगानिस्तान में महिलाएं अपनी शिक्षा और काम जारी रखने के लिए स्वतंत्र हैं। उन्होंने कहा कि मैं फिर से यह कहना चाहता हूं कि यह एक अंतरिम सरकार है और जब तक हम स्थायी सरकार नहीं बना लेते, तब तक व्यवस्था में बदलाव किए जाएंगे।

Published: 16 Sep 2021, 8:44 AM IST

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Published: 16 Sep 2021, 8:44 AM IST