अफगानिस्तान में जारी संकट के बीच तालिबान का पलड़ा भारी होता जा रहा है। एएफपी न्यूज एजेंसी ने गुरुवार शाम को दावा किया कि तालिबान ने पश्चिमी अफगानिस्तान में स्थित देश के तीसरे सबसे बड़े शहर हेरात पर कब्जा कर लिया है। खबरों के अनुसार लंबी लड़ाई के बाद अफगान सुरक्षा बल और प्रशासन पीछे हट गए, जिससे तालिबान ने शहर को अपने कब्जे में ले लिया। तालिबान ने हेरात के पुलिस हेडक्वॉर्टर पर भी कब्जा कर लिया।
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इससे पहले गुरुवार के दिन में तालिबान ने अफगानिस्तान के मुख्य शहर गजनी पर भी कब्जा जमा लिया। एएफपी ने अफगानिस्तान के एक वरिष्ठ सांसद और विद्रोहियों के हवाले से बताया कि मुख्य शहर गजनी पर तालिबान ने कब्जा जमा लिया है। यह शहर अफगानिस्तान की राजधानी काबुल से महज 150 किलोमीटर की दूरी पर है, जो कि देश की सत्ता का मुख्य केंद्र है।
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बता दें कि गजनी दसवीं प्रांतीय राजधानी है, जिसे तालिबान ने इस सप्ताह अपने कब्जे में ले लिया है। गजनी शहर अफगानिस्तान के लिए भौलोगिक और राजनैतिक दोनों रूप से काफी महत्वपूर्ण है। यह शहर काबुल-कंधार हाईवे पर स्थित है, जो अफगानिस्तान और उसकी राजधानी काबुल को जोड़ता है। गजनी पर तालिबान का कब्जा होते ही अफगान वायु सेना पर भी दबाव बढ़ गया है।
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तालिबान के बढ़ते प्रभाव से अफगानिस्तान में लगातार राजनीतिक हालात खराब होते जा रहे हैं। हालात को देखते हुए अफगानिस्तान सरकार ने सुलह की कोशिशें शुरू कर दी हैं। खबर है कि सरकारी अधिकारियों ने कतर में तालिबानियों से बातचीत की है और जंग खत्म करने के लिए सत्ता साझा करने का प्रस्ताव दिया है। न्यूज एजेंसी एएफपी ने दावा किया है कि अफगान सरकार तालिबानियों को सत्ता में साझेदार बनाना चाहती है, ताकि वो देश में जंग खत्म कर दें।
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