पंजशीर में तालिबान और नॉर्दर्न एलायंस के बीच समझौता हो गया है। अब तालिबान पंजशीर में नहीं घुसेगा। तालिबान ने इस बातचीत को अमन जिरगा का नाम दिया है। टोलो न्यूज की खबर के मुताबिक, तालिबान की ओर से बातचीत की अगुवाई मौलाना अमीर खान मुक्तई मुक्तई ने की। आपको बता दें, पंजशीर में नॉर्दर्न अलायंस की अगुवाई अफगानिस्तान के पूर्व कमांडर अहमद शाह मसूद के बेटे अहमद मसूद कर रहे हैं। स्वघोषित कार्यवाहक राष्ट्रपति अमरुल्ला सालेह भी यहीं हैं। दोनों नॉर्दर्न अलायंस के लड़ाकों को तालिबान के खिलाफ मजबूती से तैयार कर रहे हैं।
गौरतलब है कि इससे पहले अहमद मसूद ने कहा कि वह तालिबान के सामने सरेंडर नहीं करेंगे, लेकिन उससे बात करने को तैयार हैं। उनका एक इंटरव्यू बुधवार को फ्रेंच मैग्जीन में प्रकाशित हुआ है। तालिबान के कब्जे के बाद अपने पहले इंटरव्यू में मसूद ने कहा, ‘मैं सरेंडर करने से अच्छा मरना पसंद करूंगा। मैं अहमद शाह मसूद का बेटा हूं। मेरी डिक्शनरी में सरेंडर जैसा शब्द ही नहीं है।’
एक खबर के मुताबिक पंजशीर की रखवाली में पांच-पांच पर्वत तैनात हैं। अलग-अलग दौर में कई कोशिशें हुईं। तालिबान ने तो जी-जान लगा दिया। पंजशीर में घुसने की कोशिश कर रहे 35 तालिबानी मारे जा चुके हैं। कहा जा रहा है कि पहले तालिबानियों को जिंदा पकड़ा गया और फिर उन्हें गोली मार दी गई।
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