तालिबानियों के हाल पर अफगानियों को छोड़कर देश से फरार होने वाले अफगानिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति मोहम्मद अशरफ गनी ने एक बार फिर बयान जारी किया है। उन्होंने बयान में सफाई दी है कि आखिर वह अफगानिस्तान पर तालिबान के कब्जे के बाद देश छोड़कर क्यों भाग गए। गनी ने सोशल मीडिया पर एक बयान में कहा कि काबुल छोड़ना उनके जीवन का सबसे मुश्किल फैसला था, लेकिन देश के लोगों को बचाने और बंदूकों को शांत रखने के लिए यह जरूरी था। उन्होंने देश की जनता से माफी भी मांगी।
Published: 09 Sep 2021, 11:46 AM IST
वहीं, अफगानिस्तान के टोलो न्यूज़ ने यह दावा किया है कि 15 अगस्त को काबुल छोड़ने से पहले पहले अशरफ गनी और अमेरिका के विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन के बीच फोन पर बातचीत हुई थी। टोलो न्यूज़ ने अमेरिकी विदेश मंत्री से बातचीत का एक वीडियो भी जारी किया है।
Published: 09 Sep 2021, 11:46 AM IST
इस संबंध में टोलो न्यूज के पत्रकार लोतफुल्ला नजफिजादा ने ब्लिंकन से सवाल किया कि क्या आपने राष्ट्रपति अशरफ गनी को देश से भागने में मदद की? इस पर ब्लिंकन ने कहा कि अशरफ गनी ने देश छोड़ने से एक रात पहले कहा था कि वह आखिरी सांस तक देश के लिए लड़ने को तैयार हैं।
Published: 09 Sep 2021, 11:46 AM IST
वहीं, अफगानिस्तान में तालिबानी सरकार के ऐलान 24 घंटे बाद संयुक्त राष्ट्र की रिपोर्ट में बड़ी बात सामने आई है। बुधवार को जारी किए गए इस रिपोर्ट में कहा गया है कि अफगानिस्तान के बड़े शहरों पर तालिबान के कब्जे से पहले सरकार विरोधी तत्वों ने पूरे अफगानिस्तान में बड़े हमले किए थे। हालांकि, इस रिपोर्ट में यह नहीं बताया गया है कि हमले करने वाले सरकार विरोधी तत्व कौन थे। रिपोर्ट के अनुसार, 16 मई से 31 जुलाई के बीच अफगानिस्तान में 18 फिदायीन हमले हुए थे। रिपोर्ट के मुताबिक, इनमें से 16 हमले ऐसे थे जिनमें कार में आईईडी रखकर अफगानी सुरक्षाबलों को निशाना बनाया गया था।
Published: 09 Sep 2021, 11:46 AM IST
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Published: 09 Sep 2021, 11:46 AM IST