रूस ने 60 अमेरिकी राजनयिकों को वापस अमेरिका भेजने और सेंट पीटर्सबर्ग स्थित अमेरिकी वाणिज्य दूतावास को बंद करने का आदेश दिया है। रूस का यह कदम अमेरिका की उस कार्रवाई की प्रतिक्रिया के तौर पर देखा जा रहा है जिसके तहत ब्रिटेन में एक पूर्व रूसी जासूस को जहर देने के मामले में ट्रंप प्रशासन ने 60 रूसी राजनयिकों को देश से निष्काषित कर दिया था।
रूस के विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव ने 29 मार्च को कहा कि मॉस्को में अमेरिकी मिशन के 58 कर्मचारी और येकातेरिनबर्ग के दो कर्मचारियों को कूटनीतिक गतिविधियों के लिए अयोग्य घोषित किया गया है। लावरोव ने कहा, “इन 60 राजनयिकों को 5 अप्रैल तक रूस छोड़ने का आदेश दिया गया है।” लावरोव ने बताया कि इससे पहले अमेरिकी राजदूत जॉन हंट्समैन को विदेश मंत्रालय में तलब किया गया था।
'द हिल मैगजीन' की खबर के अनुसार, रूस की घोषणा के कुछ ही समय बाद व्हाइट हाउस ने दोनों देशों के बीच संबंधों में आए तनाव के और बढ़ने की घोषणा की है। अमेरिका की प्रेस सचिव सारा हुकाबी सैंडर्स ने कहा, "रूस की प्रतिक्रिया अप्रत्याशित नहीं है और अमेरिका इससे निपटेगा।"
वहीं, विदेश विभाग की प्रवक्ता हीथर नॉर्ट ने कहा कि रूसी प्रतिक्रिया का कोई औचित्य नहीं है। हमारी कार्रवाई ब्रिटेन पर हमले की प्रतिक्रिया थी।
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इस बीच 'सीएनएन' की रिपोर्ट के अनुसार, ब्रिटेन ने 4 मार्च को पूर्व रूसी एजेंट सर्गेई स्क्रिपल और उनकी बेटी यूलिया स्क्रिपल को जहर देने के मामले में सीधे तौर पर रूस को दोषी ठहराया था।
अमेरिका ने ब्रिटेन का साथ देते हुए 26 मार्च को 60 रूसी राजनयिकों को निष्कासित कर दिया था और साथ ही सिएटल में स्थित अपने वाणिज्य दूतावास को भी बंद कर दिया था।
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