पाकिस्तान में लगातार जारी भारी बारिश और बाढ़ से हालात बदतर होते जा रहे हैं। बाजारों में सब्जियों और जरूरी चीजों की आसमान छूती कीमतों को देखते हुए लाहौर चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री (एलसीसीआई) ने मंगलवार को सरकार से वाघा सीमा के माध्यम से पड़ोसी भारत से सब्जी आयात की अनुमति देने की मांग की है।
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जियो न्यूज की रिपोर्ट के अनुसार एलसीसीआई के अध्यक्ष नौमान कबीर ने सरकार से भारत से सब्जियों के आयात की अनुमति देने का आग्रह किया है ताकि इसकी कीमतों को नियंत्रित किया जा सके। उन्होंने कहा, "हाल की बाढ़ ने देश भर में टमाटर, प्याज, आलू और अन्य सब्जियों की फसलों को नष्ट कर दिया है।" उन्होंने कहा कि संकट अगले तीन महीनों तक बने रहने की उम्मीद है। उन्होंने कहा कि सितंबर, अक्टूबर और नवंबर में सब्जियों का संकट और गहरा सकता है।
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जियो न्यूज की रिपोर्ट के मुताबिक, वाघा बॉर्डर के जरिए भारत से पाकिस्तान तक सब्जियां पहुंचाने में कुछ दिन लगेंगे। देश भर में मूसलाधार बारिश के कारण आई बाढ़ के बीच किराना विक्रेता उपभोक्ताओं से अत्यधिक कीमत वसूल रहे हैं, जिससे सब्जियों की कीमतें आसमान छू रही हैं। व्यापारी ऐसे समय में भारी मुनाफा कमा रहे हैं जब लगातार मॉनसून की बारिश से मरने वालों की संख्या 1,100 के आंकड़े को पार कर गई है और देश की अर्थव्यवस्था को 10 अरब डॉलर का नुकसान हुआ है।
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जानकारी के मुताबिक बाजार में टमाटर 250 पाकिस्तानी रुपया प्रति किलो बिक रहा है जबकि इसकी आधिकारिक कीमत 190 पाकिस्तानी रुपया प्रति किलो है। जियो न्यूज ने बताया कि इसी तरह, विक्रेता प्याज को 300 पीकेआर से 320 पीकेआर प्रति किलोग्राम पर बेच रहे हैं, जबकि कमोडिटी की दर अधिकारियों द्वारा 290 पीकेआर निर्धारित की गई थी।
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इसी तरह आलू 100 पीकेआर प्रति किलो की आधिकारिक दर के बजाय 120 पीकेआर से 140 पीकेआर प्रति किलोग्राम पर बेचा जा रहा है। अदरक का आधिकारिक रेट 360 पीकेआर प्रति किलो है, लेकिन यह बाजार में 380 पीकेआर प्रति किलो के हिसाब से उपलब्ध है। लहसुन 250 पीकेआर प्रति किलो बिक रहा है, जबकि इसकी आधिकारिक दर 200 पीकेआर प्रति किलो है।
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