तेल संपन्न देश सऊदी अरब में 12 जनवरी को हर तरफ एक खास तरह की उमंग देखी गई। इस्लाम की जन्मभूमि और इसके सर्वाधिक पवित्र स्थलों (मक्का-मदीना) वाले इस देश की पहचान अभी तक एक रूढ़िवादी राजशाही के रूप में रही है। लेकिन, इसी देश में हो रहे बदलावों के बीच खेल के स्टेडियमों में महिलाओं का स्वागत किया गया।
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12 जनवरी को सऊदी अरब की महिलाओं को पहली बार स्टेडियम में पेशेवर फुटबॉल मैच देखने की अनुमति मिली है जो इस बात का इशारा कर रही है कि सऊदी अरब की महिलाएं 2018 में वह चीजें करती नजर आएंगी जो उनके लिए कभी ख्वाब भर था।
सऊदी अरब की महिलाओं को अधिक स्वतंत्रता मिलेगी, शायद उन्हें चुनिंदा खेल खेलने की इजाजत मिले और वाहन चलाती तो वे नजर आएंगी हीं। ये प्रयास 21वीं सदी में सऊदी अरब को वैश्विक नेतृत्व के रूप में उभारने के लिए शहजादा मोहम्मद बिन सलमान द्वारा किए जा रहे व्यापक सामाजिक और आर्थिक परिवर्तनों की श्रृंखला का हिस्सा हैं जिसकी एक कड़ी लैंगिक समानता से जाकर जुड़ती है।
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सऊदी अरब के लिए वर्ष 2017 परिवर्तनकारी रहा जहां लैंगिक समानता में सुधार, आर्थिक विविधता को बढ़ावा, भ्रष्टाचार को उखाड़ फेंकने और आगंतुकों के लिए अधिक खुला और आकर्षक बनाने के लिए विभिन्न तरह की पहल शुरू की गईं।
इसके पीछे दुनिया के सबसे कम उम्र के रक्षा मंत्री प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान हैं जिन्होंने 32 साल की उम्र में पिछले जून में क्राउन प्रिंस का पदभार संभाला था। इनकी ये पहल ‘नेशनल ट्रांसफॉर्मेशन प्रोग्राम 2020’ और ‘विजन 2030’ का हिस्सा हैं जिसकी रूपरेखा उन्होंने पिछले साल खींची थी।
सऊदी अरब के इस विजन पर दुनिया का ध्यान तब अधिक गया जब वहां लिंग समानता की पहल की गई। सऊदी अरब के इतिहास में पहली बार स्कूलों में लड़कियों को खेल में हिस्सा लेने और शारीरिक शिक्षा प्राप्त करने की अनुमति मिलेगी। सऊदी अरब की महिलाओं को देश के कुछ स्टेडियम में प्रवेश करने की इजाजत दी गई है जिसे सऊदी अरब में पहले केवल पुरुषों से जोड़कर देखा जाता था। पिछले सितंबर में जारी एक शाही आदेश के तहत जून 2018 से महिलाओं को देश में वाहन चलाने का अधिकार होगा।
सामाजिक परिवर्तनों की इसी दिशा में जल्द ही पवित्र शहर मदीना की नगरपालिका को महिलाएं संचालित करती नजर आएंगी। केवल महिलाओं द्वारा संचालित नगरपालिका वाणिज्यिक गतिविधियों के लाइसेंस जारी करने के साथ ही निर्माण, निरीक्षण अभियानों और निवेश की अनुमति सहित नगरपालिकाओं द्वारा प्रदान की जाने वाली सभी नियमित सेवाएं प्रदान करेगी।
देश की इस पहल का दुनिया ने खुले दिल से स्वागत किया और 2017 में सऊदी अरब, संयुक्त राष्ट्र महिला अधिकार आयोग में चार साल की अवधि के लिए चुना गया।
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प्रमुख सामाजिक परिवर्तन के अलावा सऊदी अरब के उदारवादी रवैया अपनाने के पीछे ठोस आर्थिक कारण भी है और वह यह है कि कार्यस्थल में महिलाओं की बढ़ती भागीदारी अर्थव्यवस्था में तेजी लाएगी और भ्रष्टाचार का मुकाबला करेगी।
‘नेशनल ट्रांसफॉर्मेशन प्रोग्राम 2020’ का उद्देश्य महिलाओं और युवाओं के लिए खेल और मनोरंजन के माध्यम से रोजगार के अधिक अवसर प्रदान कर अर्थव्यवस्था को बढ़ाना है।
देश को मनोरंजन के स्थान के रूप में और अधिक उदार बनाने के लिए म्यूजिक कन्सर्ट और पिछले साल आयोजित कॉमिक-कॉन इवेंट (एनीमेशन, पॉप आर्ट, वीडियो गेमिंग और फिल्म से संबंधित तीन दिवसीय कार्यक्रम) की अनुमति अर्थव्यवस्था और समाज के सुधार करने के प्रयासों का हिस्सा है जिसे प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान ने इस्लाम के ‘नरम’ चेहरे का रूप में रेखांकित किया है।
इसके साथ इस साल से देश को एक पर्यटक केंद्र के रूप में बढ़ावा देने के लिए विदेशियों के लिए अधिक आकर्षक पर्यटक वीजा सहित कई सुविधाओं को शुरू कर बाहरी लोगों के लिए अधिक खुला बनाने की कोशिश की जाएगी। इस दिशा में लाल सागर परियोजना चर्चा के केंद्र में बनी हुई है।
वहीं, सऊदी अरब में चल रहे राष्ट्रव्यापी भ्रष्टाचार-रोधी कार्यक्रम के तहत पिछले साल नवंबर में 4 मंत्रियों, बड़े उद्यमियों और 11 शहजादों को गिरफ्तार किया गया जिसमें पूर्व शाह अब्दुल्ला के बेटे और अरबपति अल वलीद बिन तलाल भी शामिल थे।
इससे न केवल क्राउन प्रिंस और अधिक मजबूत होकर उभरे बल्कि स्पष्ट रूप से एक संदेश गया कि कानून से शाही परिवार को कोई छूट नहीं है। अब तक यह इस देश में कल्पना से परे था जहां इब्न सऊद के वंशज खुद को ही कानूनी संस्था के रूप में पेश करते रहे हैं।
प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान, शाह सलमान के चुने गए उत्तराधिकारी हैं और साथ ही आर्थिक मामलों और विकास परिषद के प्रमुख भी हैं।
जून 2017 में क्राउन प्रिंस के रूप में पदभार ग्रहण करने के बाद मोहम्मद बिन सलमान ने कट्टरपंथ और आतंकवाद के खिलाफ अपना इरादा जाहिर किया और आतंकवाद के कथित समर्थन पर कतर को बहिष्कृत करने के फैसला का नेतृत्व किया। अक्टूबर में उन्होंने संदेश दिया कि ‘नरम इस्लाम’ की ओर वापसी देश के आधुनिकीकरण की उनकी योजनाओं पर केंद्रित है।
मिस्र में हुए आतंकवादी हमले के बाद मोहम्मद बिन सलमान ने आतंकवाद के खिलाफ युद्ध की घोषणा की। इस हमले में 300 मारे गए थे। 41 सदस्यीय आतंक रोधी इस्लामी सैन्य गठबंधन की रियाद में नवंबर में हुई उद्घाटन बैठक में शहजादे ने कहा, “हम ऐसे तत्वों को इस्लाम की छवि बिगाड़ने की इजाजत नहीं दे सकते।”
इसके अलावा वैश्विक जलवायु परिवर्तन के उपायों के लिए उन्होंने जीवाश्म ईंधन पर कम निर्भरता की दिशा में बढ़ने पर जोर दिया है। क्राउन प्रिंस के विजन 2030 का लक्ष्य अर्थव्यवस्था में सुधार, विविधता और निजीकरण के दौरान तेल पर देश की निर्भरता को बेहद कम करना है।
उन्होंने पांच सौ अरब डालर वाले एक व्यापारिक और औद्योगिक क्षेत्र की योजना भी सामने रखी है जिसका विस्तार जार्डन और और मिस्र तक होगा। 26500 वर्ग किलोमीटर में फैले इस शहर को नियोम का नाम दिया गया है।
सऊदी अरब ने रियाद में एक विशाल मनोरंजन शहर बनाने की योजना की भी घोषणा की है। 334 वर्ग किलोमीटर में बनने वाला यह शहर तैयार होने के बाद लगभग लास वेगास के आकार का होगा जो यहां आने वाले पर्यटकों के सामने सांस्कृतिक, मनोरंजक और खेल से जुड़ी विभिन्न गतिविधियों की पेशकश करेगा।
यह परियोजना संभवत: प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान के राजशाही के चेहरे को मूलभूत रूप से बदल देने के इरादे को सर्वश्रेष्ठ तरीक से पेश करती है।
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