ब्रिटेन के प्रधानमंत्री पद के दावेदारों की रेस में भारतीय मूल के कंजरवेटिव पार्टी के नेता ऋषि सुनक सबसे आगे चल रहे हैं। लेकिन उनके सामने ब्रिटिश सांसदों का समर्थन जुटाने की चुनौती है। इसके साथ ही उनकी सबसे बड़ी चुनौती कंजरवेटिव पार्टी में अपना नेतृत्व स्थापित करने की भी है। सुनक का मुकाबला भारतीय राजनेता सुएला ब्रेवरमैन से है।
बताया जा रहा है कि ब्रिटेन का प्रधानमंत्री बनने की रेस में कुल 8 नाम शामिल थे। इन 8 नामों में से अब दो दावेदार बाहर हो गए हैं। यह दो नाम चांसलर नधीम जहावी और पूर्व कैबिनेट मंत्री जर्मी हंट का है। पीएम की दावेदारी की रेस में अब सुएला ब्रेवरमैन, ऋषि सुनक, लिज ट्रास, पेन्नी मॉर्डान्ट, केमी बेडेनोक और टॉम टुजैन्ट बचे हैं।
Published: undefined
एलिमिनिशेन राउंड की वोटिंग बुधवार को हुई। इस दौरान ऋषि सुनक को 25 फीसदी यानी कि 88 वोट मिले। वहीं, दूसरे नंबर पर पेन्नी मॉर्डान्ट रहे, जिन्हें 19 फीसदी यानी कि 67 वोट मिले। लिज ट्रॉस को 14 प्रतिशत यानी 50 वोट मिले। केमी बेडेनोक को 11 प्रतिशत यानी 40 वोट मिले, टॉम टुजैन्ट को 37 वोट के साथ 5वें नंबर पर रहे। वहीं, भारतीय मूल की सुएला ब्रेवरमैन 9 प्रतिशत वोट के साथ छठे नंबर पर रहे, उन्हें 32 वोट मिले। वहीं, दो उम्मीदवार नधीम जहावी और जर्मी हंट क्रमश: 7 और 5 प्रतिशत वोट के साथ प्रधानमंत्री पद की रेस से बाहर हो गए।
Published: undefined
एक कमेटी कंजरवेटिव पार्टी में नेता चुनने की प्रक्रिया में शामिल होती है। इस कमेटी में पार्टी के सांसद होते हैं। नेता चुनने के लिए तीन स्तर की प्रक्रिया होती है। इसमें नॉमिनेशन, एलिमिनेशन और फाइनल सेलेक्शन है। नॉमिनेशन हो चुका है अब एलिमिनेशन राउंड चल रहा है। ऋषि सुनक फिलहाल इस रेस में आगे चल रहे हैं।
Published: undefined
बोरिस सरकार में वित्त मंत्री रहे ऋषि सुनक को ब्रिटेन के अगले प्रधानमंत्री बनने की दौड़ में सबसे आगे बताया जा रहा है।
ऋषि सुनक दिग्गज भारतीय आईटी कंपनी इंफोसिस के को-फाउंडर और दिग्गज कारोबारी नारायण मूर्ति के दामाद हैं जोकि नारायण मूर्ति की बेटी अक्षता मूर्ति से कैलिफोर्निया में एक स्टूडेंट के रूप में मिले थे और उनकी दो बेटियां हैं।
वह भारतीय माता-पिता यशवीर और ऊषा सुनक के बेटे हैं। उनके पिता यशवीर केन्या में जन्मे और पले बढ़े हैं जबकि उनकी माता ऊषा तंजान्यिका में पैदा हुई थीं जो बाद में तंजानिया का हिस्सा बन गया।
सुनक के दादा पंजाब प्रांत के थे, जो अपने बच्चों को लेकर पूर्वी अफ्रीका और फिर ब्रिटेन आ गए थे। सुनक के पिता डॉक्टर और मां दवाखाना चलाती थीं।
42 साल के सुनक को करीब दो साल पहले 2020 में जब बोरिस सरकार में वित्त मंत्री बनाया गया था तो उन्होंने इतिहास रच दिया था।
उन्होंने कोरोना के दौरान कारोबारियों और कामगारों की मदद के लिए अरबों रुपये के विशाल पैकेज के पीछे अहम भूमिका निभाई थी। टूरिज्म इंडस्ट्री को 10 हजार करोड़ का पैकेज दिया था।
कोरोना के दौर में भी उन्होंने ब्रिटेन में लोगों की मजदूरी नहीं घटने दी थी।
हाल ही में अपनी पत्नी के गैर-नागरिक टैक्स स्टेटस को लेकर वह विवादों में घिरे थे। उनकी पत्नी अक्षता पर टैक्स चोरी का आरोप लगा था।
Published: undefined
Google न्यूज़, नवजीवन फेसबुक पेज और नवजीवन ट्विटर हैंडल पर जुड़ें
प्रिय पाठकों हमारे टेलीग्राम (Telegram) चैनल से जुड़िए और पल-पल की ताज़ा खबरें पाइए, यहां क्लिक करें @navjivanindia
Published: undefined