रानिल विक्रमसिंघे ने रविवार को दोबारा श्रीलंगा के प्रधानमंत्री पद की शपथ ली। उन्हें राष्ट्रपति मैत्रीपाला सिरिसेना ने इस पद की शपथ दिलाई। विक्रमसिघे को अक्टूबर में इस पद से हटा दिया गया था। विक्रमसिंघे के शपथ के साथ ही देश में करीब दो महीने से चला आ रहा राजनीतिक संकट खत्म हो गया, जो विक्रमसिंघे को अचानक हटाए जाने के बाद उत्पन्न हो गया था।
'कोलंबो पेज' के मुताबिक, विक्रमसिंघे, जो सत्तारूढ़ यूनाइटेड नेशनल पार्टी के नेता भी हैं, उन्होंने यहां राष्ट्रपति सचिवालय में पद की शपथ ली। उनकी कैबिनेट का हिस्सा बनने वाले मंत्री सोमवार को शपथ लेंगे।
Published: 16 Dec 2018, 1:47 PM IST
26 अक्टूबर को विक्रमसिंघे की बर्खास्तगी के बाद सिरिसेना द्वारा नियुक्त किए जाने के सात सप्ताह बाद महिंद्रा राजपक्षे ने शनिवार को प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था, जिसके बाद रविवार को विक्रमसिंघे ने शपथ ली। संसद ने बुधवार को विक्रमसिंघे के पक्ष में विश्वास मत पारित किया।
सर्वोच्च न्यायालय ने अगले दिन अपने फैसले में कहा कि सिरिसेना द्वारा नवंबर में संसद को भंग करने का फैसला अवैध था।
यूएनपी ने कहा कि सिरीसेना द्वारा विक्रमसिंघे की बर्खास्तगी असंवैधानिक थी क्योंकि उन्हें संसद में बहुमत हासिल था।
Published: 16 Dec 2018, 1:47 PM IST
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Published: 16 Dec 2018, 1:47 PM IST