नेपाल में जारी सियासी संकट के बीच संसद में विश्वास मत हारने के बावजूद केपी शर्मा ओली एक बार फिर देश के प्रधानमंत्री बन गए हैं। जानकारी के मुताबिक गुरुवार को विपक्ष संसद में बहुमत हासिल करने में असफल रहा, जिसकी वजह से ओली को एक बार फिर देश की प्रधानमंत्री नियुक्त कर दिया गया।
Published: 14 May 2021, 12:00 AM IST
नेपाल की राष्ट्रपति बिद्यादेवी भंडारी ने 10 मई को ओली सरकार के संसद में विश्वास मत हासिल नहीं कर पाने के बाद विपक्षी दलों को आमंत्रित करते हुए गुरुवार तक नई सरकार का गठन करने के लिए कहा था। राष्ट्रपति के निर्देशों के अनुसार गुरुवार को नेपाली संसद में हुई वोटिंग में विपक्ष बहुमत साबित नहीं कर पाया। ऐसी स्थिति में ओली को एक बार फिर देश की बाग़डोर सौंप दी गई।
Published: 14 May 2021, 12:00 AM IST
वहीं दूसरी ओर विश्वास मत में जाने से पहले ओली को उम्मीद थी कि उनकी पार्टी बहुमत हासिल कर लेगी। बीते सोमवार को राष्ट्रपति बिद्यादेवी भंडारी के निर्देश पर नेपाली संसद के निचले सदन प्रतिनिधि सभा के विशेष सत्र में प्रधानमंत्री ओली की ओर से पेश विश्वास प्रस्ताव के समर्थन में केवल 93 मत मिले, जबकि 124 सदस्यों ने इसके विरोध में वोट दिया था।
Published: 14 May 2021, 12:00 AM IST
बता दें कि नेपाल में सियासी उथल-पुथल के चलते ओली की सत्ता पर ग्रहण आ गया। नेपाल की सत्तारूढ़ कम्युनिस्ट पार्टी में खींचतान के बाद पुष्पकमल दहल 'प्रचंड' नीत नेपाल कम्युनिस्ट पार्टी (माओवादी केंद्र) के समर्थन वापस लेने के बाद ओली सरकार अल्पमत में आ गई। जिसके बाद ओली द्वारा आश्चर्यजनक रूप से दिसंबर में संसद को भंग करने की अनुशंसा कर दी गई, जिससे देश एक बार फिर राजनीतिक संकट में चला गया और पार्टी टूट गई। हालांकि, बाद में सुप्रीम कोर्ट ने संसद भंग करने की अनुशंसा को पलट दिया।
Published: 14 May 2021, 12:00 AM IST
Google न्यूज़, नवजीवन फेसबुक पेज और नवजीवन ट्विटर हैंडल पर जुड़ें
प्रिय पाठकों हमारे टेलीग्राम (Telegram) चैनल से जुड़िए और पल-पल की ताज़ा खबरें पाइए, यहां क्लिक करें @navjivanindia
Published: 14 May 2021, 12:00 AM IST