मुंबई स्थित विशेष धन शोधन निवारण अधिनियम (PMLA) अदालत ने गुरुवार को अरबपति आभूषण व्यापारी नीरव मोदी को भगोड़ा आर्थिक अपराधी घोषित कर दिया। विजय माल्या के बाद नीरव मोदी दूसरा ऐसा भारतीय कारोबारी है, जिसे नए भगोड़ा आर्थिक अपराधी अधिनियम के तहत भगोड़ा घोषित किया गया है। यह अधिनियम पिछले साल अगस्त में प्रभाव में आया था।
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गौरतलब है कि नीरव मोदी ने अपने मामा मेहुल चौकसी से साथ मिलकर पीएनबी को 14 हजार करोड़ रुपये का चूना लगाया था। मामला सामने आने के बाद दोनों कारोबारी अपने परिवार के साथ देश छोड़कर भाग गए थे। इसके बाद से नीरव मोदी को वापस भारत लाने के लिए भारतीय एजेंसियां लगातार कोशिश कर रही हैं।
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इसी साल मार्च में नीरव मोदी को लंदन पुलिस द्वारा स्कॉटलैंड यार्ड से गिरफ्तार कर वेस्टमिंस्टर मजिस्ट्रेट की जिला न्यायाधीश मैरी माल्लोन की अदालत में पेश किया गया था। जिला न्यायधीश ने कुछ दिनों के लिए नीरव को पुलिस हिरासत में भेजा था।
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इसके बाद नीरव ने लगातार कई जमानत अर्जियां दाखिल की थीं, लेकिन लंदन कोर्ट ने हर बार उसकी जमानत याचिकाओं को खारिज कर दिया था। जून में नीरव के ओर से दाखिल चौथी याचिका की सुनवाई के दौरान उसके वकील को फटकार लगाते हुए कोर्ट ने कहा था कि वह इस बात पर यकीन नहीं कर सकते कि बेल मिलने पर किसी सबूत को नष्ट नहीं किया जाएगा। सुनवाई के दौरान जज ने कहा कि भविष्य में क्या होगा, कौन जानता है।
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बता दें कि नीरव मोदी के देश छोड़ने के बाद सरकार ने उसकी भारत में मौजूद सभी संपत्तियां जब्त कर ली थीं। इसके अलावा उनकी सभी आलीशान कारों और पेंटिंग्स को भी बोली लगा कर बेचने का ऐलान किया गया था।
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