चक्रवात बिपरजॉय को देखते हुए पाकिस्तान देश के तटीय क्षेत्र में रहने वाले एक लाख लोगों को वहां से निकालकर सुरक्षित स्थानों पर ले जाएगा। राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एनडीएमए) के अध्यक्ष इनाम हैदर मलिक ने यह जानकारी दी। समाचार एजेंसी शिन्हुआ के अनुसार, मलिक ने एक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि निकासी गुरुवार सुबह तक पूरी हो जाएगी। उसी दिन दोपहर बाद सिंध प्रांत में केटी बंदर और गुजरात में कच्छ के बीच बिपोरजॉय के तट से टकराने की संभावना है।
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मलिक ने कहा कि चक्रवात की तीव्रता बढ़ गई है और इसे एक गंभीर से बहुत गंभीर चक्रवाती आपातकाल घोषित किया गया है। तूफान के प्रभाव से होने वाली क्षति को नियंत्रित करने के उपाय किए जा रहे हैं।
डॉन न्यूज की रिपोर्ट के अनुसार, पाकिस्तान मौसम विभाग (पीएमडी) ने कहा है कि जिस जगह पर तूफान तट से टकराएगा वहां 3.5 मीटर तक ऊंची तूफानी लहरें उठ सकती हैं, जिससे समुद्र तट के साथ निचली बस्तियों में पानी भर सकता है। नतीजतन, सिंध और बलूचिस्तान के तटों पर समुद्र की स्थिति बेहद खराब होगी।
मंगलवार रात जारी अलर्ट में कहा गया है कि चक्रवाती तूफान उत्तर/पश्चिमोत्तर की ओर और आगे बढ़ा है और कराची से महज 380 किमी दक्षिण में है।
निरंतर सतही हवाओं की अधिकतम गति 140 और 150 किमी प्रति घंटे के बीच होने अनुमान है जो बीच-बीच में 170 किमी प्रति घंटे तक बढ़ सकती है। बिपरजॉय को पूर्वोत्तर अरब सागर के ऊपर 'अत्यंत गंभीर चक्रवाती तूफान' के रूप में वर्गीकृत किया गया है।
भारत और पाकिस्तान दोनों के तटीय क्षेत्रों से हजारों लोगों को पहले ही निकाला जा चुका है।
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