अफगानिस्तान में पाकिस्तान समर्थक सरकार के प्रबंधन में अपने जबरदस्त हस्तक्षेप को लेकर इमरान खान के नेतृत्व वाले पड़ोसी देश को काफी आलोचनाओं का सामना करना पड़ा है। इस बीच पाकिस्तान ने अपनी प्रतिष्ठा को बचाने के लिए क्षति नियंत्रण अभ्यास (डैमेज कंट्रोल एक्सरसाइज) शुरू कर दिया है।
इस्लामाबाद की प्रतिक्रिया में संयुक्त राष्ट्र महासभा (यूएनजीए) के 76वें सत्र में एक प्रमुख राजनयिक आक्रमण शामिल है, जो व्यापक रूप से उसकी आतंक प्रेम वाली धारणा का मुकाबला करने के लिए है।
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पाकिस्तान को न केवल इसलिए आलोचनाओं का सामना करना पड़ रहा है, कि उसने अफगानिस्तान की कार्यवाहक सरकार के गठन में भूमिका निभाई, बल्कि इस सरकार में हक्कानी नेटवर्क के उन शीर्ष नेताओं की तैनाती भी सुनिश्चित भी, जिन्हें अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर आतंकवादी के तौर पर जाना जाता है। अब डैमेज कंट्रोल की मुद्रा में आए प्रधानमंत्री इमरान खान के नेतृत्व में, पाकिस्तान लगभग 40 राजनयिकों का एक बड़ा प्रतिनिधिमंडल न्यूयॉर्क भेज सकता है।
यूएनजीए के वर्तमान अध्यक्ष, वोल्कन बोजकिर के अनुसार, यूएनजीए का 76वां सत्र, जो 14 सितंबर से शुरू होगा, उसमें 83 राष्ट्राध्यक्ष शामिल होंगे। आमने-सामने की बैठक इस वर्ष महत्व रखती है, क्योंकि पिछले सत्र को महामारी के कारण ऑनलाइन बैठक में बदलना पड़ा था।
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उच्च पदस्थ सूत्रों का कहना है कि पाकिस्तानी प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व खान करेंगे, जिसमें विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी और विदेश सचिव सोहेल महमूद उनके साथ होंगे। अन्य राजनयिक इसके संयुक्त राष्ट्र मिशन के साथ-साथ इसके विदेश मंत्रालय से होंगे। इमरान खान 24 सितंबर को यूएनजीए को संबोधित करने वाले हैं।
साथ ही, एजेंडा में सबसे ऊपर 21-24 सितंबर के बीच होने वाली द्विपक्षीय बैठकें हैं। इनमें संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस के साथ बैठक शामिल हैं। इसके अलावा एजेंडे में संयुक्त राष्ट्र महासभा के नवनिर्वाचित अध्यक्ष अब्दुल्ला शाहिद और इस्लामिक सहयोग संगठन (ओआईसी) के महासचिव यूसेफ अल-ओथैमीन के साथ भी बैठकें होनी हैं।
माना जा रहा है कि पाकिस्तान वैश्विक शक्तियों के विदेश मंत्रियों - अमेरिका, रूस और चीन के साथ-साथ अन्य देशों के अलावा महत्वपूर्ण इस्लामी देशों तुर्की, सऊदी अरब और कतर के साथ द्विपक्षीय बैठकें तय कर रहा है।
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सूत्रों का कहना है कि पाकिस्तान ब्रिटेन, मालदीव जैसे अन्य देशों के साथ भी बैठकों की योजना बना रहा है - जो यूएनजीए की अध्यक्षता संभालेंगे। इसी के साथ कई यूरोपीय राष्ट्रों के अलावा आयरलैंड भी एजेंडे में है, जो वर्तमान महीने के लिए सुरक्षा परिषद की अध्यक्षता करेगा। इस साल की यूएनजीए बैठक को पिछले साल कोविड-19 महामारी के प्रसार के कारण एहतियात के तौर पर एक व्यक्तिगत बैठक के रूप में सावधानीपूर्वक योजनाबद्ध किया गया है।
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वाशिंगटन ने संयुक्त राष्ट्र से अनुरोध किया है कि कोरोना वायरस के डेल्टा वैरिएंट से खतरे को देखते हुए बैठकों को लो-प्रोफाइल रखा जाए। संयुक्त राष्ट्र मिशन ने पहले ही 192 सदस्य देशों को अपने प्रतिनिधिमंडल भेजने के बजाय वीडियो मोड के माध्यम से बैठक को संबोधित करने के लिए एक पत्र भेजा है, जिससे साइड इवेंट आयोजित हो सकते हैं। हालांकि, अमेरिकी विरोध और चेतावनियों के बावजूद, 80 से अधिक राष्ट्राध्यक्ष यूएनजीए को संबोधित करने की योजना बना रहे हैं।
विशेषज्ञों का मानना है कि अफगान स्थिति पर चर्चा और तालिबान सरकार को मान्यता देने के मामलों के अलावा, जलवायु परिवर्तन और ऊर्जा, खाद्य सुरक्षा, टीके और नस्लवाद पर उच्च स्तरीय बातचीत एवं बैठकें हो सकती हैं।
(यह आलेख इंडिया नैरेटिव डॉट कॉम के साथ एक व्यवस्था के तहत लिया गया है)
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