सीमा पार आतंकवाद, देश में अस्थिरता, टीटीपी से खतरा, कई देशों से पाकिस्तान लौट रहे आईएस के लड़ाके और भारत के साथ चौतरफा युद्ध, ये वो बिंदु हैं जिनका पाकिस्तान में उल्लेख किया गया है। सुप्रीम कोर्ट को सौंपी गई रक्षा मंत्रालय की रिपोर्ट में मौजूदा समय में चुनाव कराने के रास्ते में तमाम तरह के खतरों की आशंका जताई गई है। डॉन की रिपोर्ट के अनुसार, चुनाव की तारीख के आदेश को वापस लेने के लिए एक आवेदन के साथ शीर्ष अदालत में दायर की गई रिपोर्ट में पंजाब और खैबर पख्तूनख्वा विधानसभाओं में चुनाव होने से पहले आतंकवाद के खतरों में वृद्धि की आशंका जताई गई है।
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यह डर था कि पाकिस्तान वैश्विक महान खेल, जहां भारत को प्रधानता प्राप्त है का शिकार बना रहेगा। पाकिस्तान को न केवल बाहरी आक्रमण के कारण बल्कि आंतरिक अस्थिरता के कारण भी खतरा है। रिपोर्ट में कहा गया है, इसके अलावा, भारत पाकिस्तान में आतंकवाद सहित रणनीतिक दबाव जारी रखेगा और युद्ध के लिए सीमित सैन्य कार्रवाई के लिए परिचालन और रणनीति के स्तर पर किसी भी अवसर का फायदा उठाएगा।
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डॉन की रिपोर्ट के मुताबिक, पंजाब प्रांत में एक आवेशपूर्ण माहौल से देश में अस्थिरता पैदा हो सकती है, विभिन्न राजनीतिक दलों के वरिष्ठ नेताओं के खिलाफ कई धमकी भरे अलर्ट मिले हैं।
डॉन की खबर के अनुसार, यदि आतंकवादी अलर्ट वास्तविक होते हैं, तो यह अराजकता पैदा कर सकता है और मौजूदा राजनीतिक ध्रुवीकरण को और गहरा कर सकता है, जिससे अस्थिरता और टूटन हो सकती है, जैसा कि पूर्व प्रधानमंत्री बेनजीर भुट्टो की हत्या के बाद हुआ था।
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इसके अलावा, रिपोर्ट में कहा गया है कि पाकिस्तान-अफगानिस्तान सीमा पर, तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (टीटीपी) जैसे तत्वों ने लगातार घुसपैठ का प्रयास किया। इसने जनवरी से सीमा पार की 72 घटनाओं पर प्रकाश डाला, जिसमें कई पाकिस्तानी सैनिक शहीद हुए और कई घायल हुए।
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इसी तरह, बलूचिस्तान में उग्रवादी संगठनों द्वारा सुरक्षा बलों के खिलाफ सीमा पार आंदोलन और हमले, पड़ोसी देशों के क्षेत्र का उपयोग करते हुए, पाकिस्तान-ईरान सीमा पर लगातार चुनौतियां हैं। जनवरी से अब तक आठ सीमा पार की घटनाओं में नौ सैनिकों की मौत हुई।
आईएएनएस के इनपुट के साथ
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