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पाकिस्तानः एंटी टेरर केस में मुश्किल में इमरान, पुलिस ने घर को घेरा, कभी भी हो सकती है गिरफ्तारी

द न्यूज के अनुसार एंटी टेरर कानून के तहत दर्ज केस में अभी यह तय नहीं हुआ है कि इमरान को गिरफ्तार किया जाएगा या नजरबंद किया जाएगा। फिलहाल इस पर रणनीति तैयार की जा रही है। सूत्रों ने कहा कि इमरान खान के साथ भी अधिकारियों की बातचीत चल रही है।

फोटोः सोशल मीडिया
फोटोः सोशल मीडिया 

पाकिस्तान में कानून प्रवर्तन एजेंसियों, पुलिस कमांडो, रेंजर्स और कांस्टेबुलरी की बड़ी टुकड़ियों ने पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान के आवास बनिगाला को चारों तरफ से घेर लिया है और वहां जाने वाले सभी रास्तों को सील कर दिया है। माना जा रहा है कि एंटी टेरर कानून के तहत दर्ज केस में इमरान को कभी भी गिरफ्तार किया जा सकता है।

हालांकि, सूत्रों ने द न्यूज को बताया कि अभी यह तय नहीं हुआ है कि इमरान खान को गिरफ्तार किया जाएगा या नजरबंद किया जाएगा। फिलहाल ऑपरेशन चलाने की रणनीति तैयार की जा रही है। सूत्रों ने कहा कि इमरान खान के साथ बातचीत चल रही है, क्योंकि पीटीआई नेता गिरफ्तारी या नजरबंदी से बचना चाहते हैं। वहीं, संबंधित अधिकारियों से संकेत मिलने का इंतजार किया जा रहा है।

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सूत्रों ने कहा, "इमरान खान राहत पाने के लिए उच्च न्यायपालिका से संपर्क करने की सुविधा चाहते हैं, लेकिन उन्हें पहले कदम के रूप में पुलिस के सामने आत्मसमर्पण करना होगा।"
सूत्रों के अनुसार पूर्व प्रधानमंत्री मोबाइल फोन पर पार्टी के बड़े ओहदेदारों के संपर्क में हैं और निर्देश दे रहे हैं कि गिरफ्तारी के हालात में पार्टी को क्या कदम उठाना चाहिए। इस बीच बड़ी संख्या में पीटीआई कार्यकर्ता उनके घर के आसपास जुटने लगे हैं। फिलहाल किसी अप्रिय घटना की खबर नहीं है।

सूत्रों के मुताबिक, गृह मंत्रालय ने पीटीआई प्रमुख की गिरफ्तारी के लिए प्रधानमंत्री कार्यालय से लिखित अनुमति मांगी थी। सूत्रों ने कहा कि गिरफ्तारी सत्तारूढ़ गठबंधन में सभी दलों की सहमति से की जाएगी। इस बीच पीपीपी नेता और पूर्व राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी ने खान की गिरफ्तारी का विरोध किया है। उनका मानना है कि गिरफ्तारी से सत्तारूढ़ गठबंधन को राजनीतिक नुकसान होगा।

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सरकार ने रविवार को पार्टी नेता शाहबाज गिल के खिलाफ पहले से दर्ज देशद्रोह के मामले में खान के खिलाफ कार्रवाई के लिए कानूनी विकल्पों पर विचार किया था। आधिकारिक सूत्रों के अनुसार, आंतरिक मंत्रालय में कम से कम दो बैठकें हुईं, जहां पूर्व प्रधानमंत्री के खिलाफ कार्रवाई के लिए कानूनी विकल्पों पर विचार किया गया। द न्यूज के अनुसार आंतरिक मंत्रालय ने पाकिस्तान के अटॉर्नी जनरल और कानून मंत्रालय से दो विकल्पों पर सलाह मांगी कि क्या शाहबाज गिल के खिलाफ दर्ज प्राथमिकी में खान का नाम जोड़ा जा सकता है या उनके खिलाफ एक नया मामला दर्ज किया जाना चाहिए।

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उन्होंने कहा कि इस्लामाबाद में शाहबाज गिल के समर्थन में निकाली गई रैली के दौरान भी धारा 144 का उल्लंघन किया गया और इस पर प्राथमिकी भी दर्ज की जा सकती है। गृहमंत्री राना सनाउल्लाह ने रविवार को कहा था कि खान ने शनिवार को अपने भाषण में संस्थानों को धमकी दी थी। उन्हें इस बात पर खेद है कि पूर्व प्रधानमंत्री ने एक महिला न्यायाधीश को उनका नाम लेकर धमकी दी थी।

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