भ्रष्टाचार के गंभीर आरोपों का सामना कर रहे पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ को बड़ा झटका लगा है। उनपर चल रहे भ्रष्टाचार के शेष दो मामलों में सोमवार को फैसला आ गया है। भ्रष्टाचार रोधी कोर्ट ने भ्रष्टाचार के एक मामले में उन्हें 7 साल की सजा सुनाने के साथ उनपर लगभग 17.5 करोड़ रुपए का जुर्माना भी लगाया है। शरीफ को यह सजा अल-अजीजिया भ्रष्टाचार मामले में सुनाई गई है, जबकि फ्लैगशिप इन्वेस्टमेंट मामले में उन्हें सबूतों के अभाव में बरी किया गया है।
इस्लामाबाद में पाकिस्तान की भ्रष्टाचार रोधी कोर्ट द्वारा फैसला सुनाने के बाद नवाज शरीफ को कोर्ट के अंदर ही गिरफ्तार कर लिया गया। नवाज शरीफ पहले से ही भ्रष्टाचार के एक मामले में सजा काट रहे हैं। इन्हीं आरोपों में पाकिस्तान की सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें प्रधानमंत्री पद से बर्खास्त कर दिया था। इससे पहले पिछले हफ्ते शरीफ के वकील ने कोर्ट से फैसले की तारीख एक हफ्ता आगे बढ़ाने की अपील की थी, जिससे कोर्ट अदालत ने सुप्रीम कोर्ट के आदेश का हवाला देते हुए इनकार कर दिया था। बता दें कि वहां की सुप्रीम कोर्ट ने शरीफ के खिलाफ मामलों पर सोमवार तक फैसला सुनाने की डेडलाइन तय की थी।
गौरतलब है कि नवाज शरीफ के खिलाफ फ्लैगशिप इन्वेस्टमेंट केस, एवनफील्ड प्रॉपर्टीज केस और अल-जजीजिया केस का खुलासा 2017 में हुआ था। सुप्रीम कोर्ट ने भ्रष्टाचार रोधी कोर्ट से इन मामलों की सुनवाई 6 महीने में पूरा करने का आदेश दिया था। जिसके बाद इसी जुलाई में एवनफील्ड प्रोपर्टीज केस में नवाज शरीफ को 11 साल, उनकी बेटी मरियम नवाज को 8 साल और दामाद रिटायर्ड कैप्टन मोहम्मद सफदर को एक साल की सजा हुई थी।
बता दें कि इसी साल हुए आम चुनाव से ठीक पहले नवाज शरीफ ने लंदन से पाकिस्तान वापस आकर अपनी गिरफ्तारी दी थी। उनके जेल में रहने के दौरान बीते दिनों उनकी पत्नी का निधन हो गया था, जिसकी वजह से वह पिछले काफी समय से पैरोल पर जेल से बाहर हैं।
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