पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान की मुश्किलें बढ़ गई हैं। उन्हें सत्ता छोड़ने के लिए अल्टीमेटम मिल गया है। इमरान सरकार के इस्तीफे की मांग के साथ 'आजादी मार्च' का नेतृत्व करने वाले जमीयते उलेमाए इस्लाम-फजल (जेयूआई-एफ) के नेता फजलुर रहमान ने इस्लामाबाद में धरने का ऐलान करते हुए प्रधानमंत्री इमरान खान को इस्तीफे के लिए दो दिन का अल्टीमेटम दिया था। इसमें एक दिन का वक्त बीत चुका है। मौलाना फजल ने इस्लामाबाद के मेट्रो ग्राउंड पर विशाल सभा में कहा कि प्रधानमंत्री इमरान खान को इस्तीफा देने और 'राष्ट्रीय प्रष्ठिानों' द्वारा इस सरकार का समर्थन बंद करने के लिए वह दो दिन की मोहलत दे रहे हैं। इस सभा में पाकिस्तान के विपक्षी दलों के तमाम वरिष्ठ नेता भी हिस्सा ले रहे हैं।
Published: 02 Nov 2019, 11:57 AM IST
मौलाना ने कहा कि वह 'राष्ट्रीय प्रतिष्ठानों' के साथ टकराव नहीं बल्कि इनका स्थायित्व चाहते हैं। लेकिन, इसके साथ-साथ इन्हें निष्पक्ष भी देखना चाहते हैं। उन्होंने कहा, “अगर हम महसूस करेंगे कि इस नाजायज हुकूमत के पीछे प्रतिष्ठान हैं और वे इसकी सुरक्षा कर रहे हैं तो फिर दो दिन की मोहलत है, उसके बाद हमें न रोका जाए कि हम प्रतिष्ठानों के बारे में क्या राय बनाएं। प्रधानमंत्री इमरान खान के पास इस्तीफा देने के लिए दो दिन का समय है। अन्यथा, इस विशाल जनसमूह के पास यह ताकत है कि वह प्रधानमंत्री के घर जाकर उन्हें गिरफ्तार कर ले।”
Published: 02 Nov 2019, 11:57 AM IST
मौलाना ने कहा कि यह प्रदर्शन किसी एक दल का नहीं बल्कि पूरे राष्ट्र का है। सभी का यही कहना है कि आम चुनाव एक फ्राड था और अवाम धांधली का शिकार हुए थे। बहुत मोहलत दे दी, अब और नहीं दे सकते। इस सरकार को जाना होगा। देश यही चाहता है।
Published: 02 Nov 2019, 11:57 AM IST
उन्होंने कहा कि सरकार ने वादे के मुताबिक, पचास लाख घर बनाने के बजाए पचास लाख घर गिरा दिए। एक करोड़ नौकरियां देने के बजाए पच्चीस लाख लोगों को बेरोजगार कर दिया। अवाम को ऐसे अक्षम हुक्मरानों के रहमो-करम पर नहीं छोड़ा जा सकता।
Published: 02 Nov 2019, 11:57 AM IST
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Published: 02 Nov 2019, 11:57 AM IST