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इमरान खान की किस्मत का फैसला आज रात 8 बजे, पाक सुप्रीम कोर्ट बोला- अविश्वास प्रस्ताव को खारिज करना गलत

पाकिस्तान के प्रधान न्यायाधीश (सीजेपी) उमर अता बंदियाल ने गुरुवार को कहा कि यह स्पष्ट है कि नेशनल असेंबली के डिप्टी स्पीकर कासिम खान सूरी का तीन अप्रैल का फैसला, जिसने प्रधानमंत्री इमरान खान के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव को खारिज कर दिया था, गलत था।

फोटो: IANS
फोटो: IANS 

पाकिस्तान के प्रधान न्यायाधीश (सीजेपी) उमर अता बंदियाल ने गुरुवार को कहा कि यह स्पष्ट है कि नेशनल असेंबली के डिप्टी स्पीकर कासिम खान सूरी का तीन अप्रैल का फैसला, जिसने प्रधानमंत्री इमरान खान के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव को खारिज कर दिया था, गलत था। पाकिस्तान के प्रमुख अखबार डॉन की रिपोर्ट में यह जानकारी दी गई है।

Published: 07 Apr 2022, 5:42 PM IST

बंदियाल ने कहा, "असली सवाल यह है कि आगे क्या होता है?" उन्होंने कहा कि अब पीएमएल-एन के वकील और पाकिस्तान के अटॉर्नी जनरल (एजीपी) खालिद जावेद खान अदालत का मार्गदर्शन करेंगे कि कैसे आगे बढ़ना है। उन्होंने कहा, "हमें राष्ट्रीय हित को देखना होगा।"

Published: 07 Apr 2022, 5:42 PM IST

उन्होंने कहा कि अदालत गुरुवार को ही फैसला जारी करेगी। मालूम हो कि सीजेपी उमर अता बंदियाल की अध्यक्षता में सुप्रीम कोर्ट की 5 सदस्यीय पीठ डिप्टी स्पीकर के अविश्वास प्रस्ताव को खारिज करने के फैसले की वैधता और पीएम इमरान खान की सलाह पर राष्ट्रपति द्वारा असेंबली को भंग करने से जुड़े स्वत: संज्ञान मामले की सुनवाई कर रही है।

Published: 07 Apr 2022, 5:42 PM IST

सीजेपी बंदियाल की अध्यक्षता वाली पांच सदस्यीय पीठ में न्यायमूर्ति इजाजुल अहसन, न्यायमूर्ति मजहर आलम मियांखेल, न्यायमूर्ति मुनीब अख्तर और न्यायमूर्ति मंडोखेल भी शामिल हैं।प्रधानमंत्री की सलाह पर राष्ट्रपति द्वारा नेशनल असेंबली को भंग किया गया था।

Published: 07 Apr 2022, 5:42 PM IST

एजीपी - जो अपनी दलीलें देने वाले अंतिम व्यक्ति थे - ने अदालत को यह सूचित करके बात शुरू की कि वह खुली अदालत में राष्ट्रीय सुरक्षा समिति की हालिया बैठक का विवरण नहीं दे पाएंगे। डॉन की रिपोर्ट के मुताबिक, उन्होंने जोर देकर कहा कि अदालत किसी की वफादारी पर सवाल उठाए बिना आदेश जारी कर सकती है।

Published: 07 Apr 2022, 5:42 PM IST

उन्होंने तर्क दिया कि प्रधानमंत्री 'सबसे बड़े हितधारक' थे और इसलिए, उनके पास नेशनल असेंबली को भंग करने की शक्ति थी। एजीपी ने कहा, "प्रधानमंत्री को सदन भंग करने के लिए कारण बताने की जरूरत नहीं है।"

Published: 07 Apr 2022, 5:42 PM IST

उन्होंने यह भी कहा कि यदि राष्ट्रपति 48 घंटे के भीतर प्रधानमंत्री की सलाह पर निर्णय नहीं लेते हैं तो असेंबली भंग हो जाएगी। उन्होंने तर्क दिया कि अविश्वास प्रस्ताव पर मतदान करना एक विधायक का मौलिक अधिकार नहीं है।

आईएएनएस के इनपुट के साथ

Published: 07 Apr 2022, 5:42 PM IST

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Published: 07 Apr 2022, 5:42 PM IST