चीन के ऋण तले दबे पाकिस्तान को देखकर अब पड़ोसी देश भी सीखने लगे हैं। पाकिस्तान की ऋण दासता से भारत के पूर्वी पड़ोसी म्यांमार ने सीख ली है। म्यांमार ने यह देखा है कि कैसे चीन ने अपने बेल्ट एंड रोड इनिशिएटिव (बीआरआई) के माध्यम से अन्य देशों को अपने जाल में फंसाया है। यही वजह है कि अब म्यांमार चीन के इरादों को समझकर अपने कदम पीछे खींच रहा है।
भारत के पूर्वी पड़ोसी ने चीन म्यांमार आर्थिक गलियारे (सीएमईसी) के तहत कई परियोजनाओं पर फिर से विचार करना शुरू कर दिया है, जो कि 100 अरब डॉलर की हैं, जो पाकिस्तान में 64 अरब डॉलर के चीनी निवेश से बहुत बड़ी संख्या है। सीएमईसी चीन के युन्नान प्रांत को मध्य म्यांमार में मंडलाय से जोड़ता है। यह रणनीतिक रूप से चीन के लिए महत्वपूर्ण है, क्योंकि पश्चिम में क्यायूक्फ्यू बंदरगाह चीन को बंगाल तट की खाड़ी पर मौजूद होने के साथ एक रणनीतिक स्थान तक पहुंच प्रदान करेगा।
Published: 01 Sep 2020, 10:00 PM IST
लगभग 1,700 किलोमीटर लंबी सीएमईसी के तहत, चीन की म्यांमार में लगभग 38 परियोजनाओं को लागू करने की योजना है। अन्य देशों के अनुभवों से सीखते हुए, बाद में, इनमें से केवल नौ को मंजूरी दी गई।
म्यांमार ने परियोजनाओं पर कई कदम रोक दिए हैं और इनकी समीक्षा करने के लिए आयोगों की स्थापना की है। सीएमईसी परियोजनाओं में भाग लेने के लिए विदेशी सलाहकारों को भी आमंत्रित किया गया है। यह कदम चीनी एकाधिकार को कुचलने वाला है।
Published: 01 Sep 2020, 10:00 PM IST
दिलचस्प बात यह है कि म्यांमार इस नतीजे पर पहुंचा है कि बीजिंग पर भरोसा नहीं किया जा सकता है और परियोजनाओं को जांचने-समझने के साथ ही इनकी लागत में भी कमी की जरूरत है। सरकार ने यह भी महसूस किया है कि परियोजनाएं मुनाफाखोर चीनी कंपनियों के बजाय म्यांमार के लोगों को लाभ पहुंचाएं।
म्यांमार चाइना कम्यूनिकेशन कन्स्ट्रक्शन कंपनी लिमिटेड (सीसीसीसी) के बजाय एक नए डेवलपर के लिए एक अंतर्राष्ट्रीय सलाहकार को अंतिम रूप देने में व्यस्त है। यह लगभग 20,000 एकड़ भूमि पर पूरी तरह से नई टाउनशिप विकसित करने की आठ अरब डॉलर खर्च की योजना है।
Published: 01 Sep 2020, 10:00 PM IST
परियोजना का राजकोषीय आकार, चीनी साझेदारी और परियोजना के स्थान मुख्य चिंता के विषय हैं। चीन द्वारा चयनित स्थान बाढ़-ग्रस्त क्षेत्र है और म्यांमार परियोजना के साथ सहज नहीं है। परियोजना के आकार ने अन्य संभावित निवेशकों को परेशान किया है, जिसके कारण म्यांमार ने परियोजना को प्रबंधनीय भागों में विभाजित करने और निवेश की मात्रा को कम करने का निर्णय लिया है। म्यांमार के अधिकारियों ने अब इस परियोजना को पारदर्शी बनाने के साथ-साथ अंतर्राष्ट्रीय कंपनियों को साल के अंत तक आमंत्रित करने की उम्मीद की है।
Published: 01 Sep 2020, 10:00 PM IST
म्यांमार ने चीनी लालच को कम करने और ड्रैगन के हस्तक्षेप को कम करने के लिए कई कदमों के तहत तैयारी की है।
इस साल जून में म्यांमार के ऑडिटर जनरल माव थान ने अपनी सरकार को अंतर्राष्ट्रीय दरों की तुलना में ऋण पर चीन द्वारा लिए जाने वाले ब्याज की उच्च दरों के बारे में आगाह किया था। लगभग 10 अरब डॉलर के अपने कुल कर्ज में से म्यांमार का चीन पर चार अरब डॉलर बकाया है। उन्होंने सांसदों को चेतावनी देते हुए कहा, "सच्चाई यह है कि चीन के ऋण विश्व बैंक या आईएमएफ जैसे वित्तीय संस्थानों के ऋण की तुलना में अधिक ब्याज दरों वाले हैं। इसलिए मैं चीनी ऋणों का उपयोग करने के लिए सरकार के मंत्रालयों को और अधिक संयमित होने के बारे में याद दिलाना चाहूंगा।"
Published: 01 Sep 2020, 10:00 PM IST
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Published: 01 Sep 2020, 10:00 PM IST