फ्रांस में राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों की सेवानिवृत्ति की आयु 62 से बढ़ाकर 64 करने की योजना के खिलाफ देशव्यापी विरोध शुरू हो गया है। इस योजना के खिलाफ हड़ताल के कारण मंगलवार को फ्रांस में परिवहन, स्कूल और ऊर्जा क्षेत्र बुरी तरह प्रभावित हुए और इन क्षेत्रों में काम लगभग ठप हो गया।
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बीबीसी की रिपोर्ट के अनुसार, हड़ताल में भाग लेने वाली आठ यूनियनों ने दावा किया कि देश के आधे शिक्षक हड़ताल में शामिल हुए थे। वहीं पेरिस में तीन हाई-स्पीड ट्रेनों में से केवल एक ही चली और केवल दो चालक रहित मेट्रो लाइनें सामान्य रूप से चल रही थीं। राज्य के स्वामित्व वाले ईडीएफ के कर्मचारियों के हड़ताल पर चले जाने के बाद बिजली उत्पादन में भी कमी की सूचना मिली है।
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बीबीसी ने राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों की रेनेसंस पार्टी के एक सांसद क्रिस्टोफर वेसबर्ग के हवाले से कहा कि किसी भी तरह का सुधार जो लोगों को लंबे समय तक काम करने के लिए कहे वह अप्रिय होगा, लेकिन हम इसी सुधार के आधार पर चुने गए हैं और सुधार हमारी सरकार की प्राथमिकता में है।
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क्रिस्टोफर वेसबर्ग ने आगे कहा कि फ्रांस में एक यूनिवर्सल सिस्टम है जिसे अपने लिए भुगतान करना पड़ता है। यदि यह कमजोर हो रहा है, तो किसी प्वाइंट पर, लोग अपनी पेंशन खो देंगे। रिपोर्ट के अनुसार, स्पेन में 65 और यूके में 66 की तुलना में फ्रांस में सेवानिवृत्ति की आयु कम है। लेकिन नई योजना में सेवानिवृत्ति की आयु बढ़ाने का चौतरफा विरोध सरकार पर सवाल खड़े कर रहा है।
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