दुनिया भर की 52 प्रतिशत से अधिक आबादी को हर साल सिरदर्द की समस्या से गुजरना पड़ता है, जिनमें से 14 प्रतिशत मामले माइग्रेन के होते हैं। ताजा शोध से यह भी खुलासा हुआ है कि पुरूषों की तुलना में महिलायें सिरदर्द से अधिक पीड़ित होती हैं।
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जर्नल ऑफ हेडेक एंड पेन में प्रकाशित नॉर्वे की साइंस एंड टेक्नोलॉजी यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं की शोध रिपोर्ट के मुताबिक दुनिया भर में 20 से 65 साल के आयु वर्ग में सिरदर्द की समस्या अधिक पाई जाती है। शोधकर्ताओं ने 1961 से 2020 के बीच प्रकाशित रिपोर्टों के आधार पर सिरदर्द की समस्या का आकलन किया है।
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उनकी इस समीक्षा रिपोर्ट में बताया गया है कि लगभग 26 प्रतिशत लोग तनाव संबंधी सिरदर्द से ग्रसित होते हैं और 4.6 प्रतिशत लोगों ने हर माह 15 या उससे अधिक दिन सिरदर्द होने की बात की। शोध से यह भी पता चला कि लगभग 15.8 प्रतिशत लोगों को कभी भी सिरदर्द होने लगता है और इनमें से करीब 50 फीसदी लोगों ने माइग्रेन की शिकायत की।
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शोध रिपोर्ट के मुख्य लेखक लार्स जैकब सोवनर ने कहा कि दुनिया भर में सिरदर्द की समस्या आम है और इसके अलग-अलग रूप से कई लोग प्रभावित हैं। सिरदर्द रोकने के और इसके उपचार के बेहतर उपाय ढूंढने की जरूरत है।
शोध में कहा गया है कि महिलायें सिरदर्द से अधिक पीड़ित होती हैं। शोध में पाया गया कि 8.6 पुरूष माइग्रेन के शिकार होते हैं, वहीं 17 प्रतिशत महिलायें इससे पीड़ित होती हैं। इसी तरह छह प्रतिशत महिलाओं को 15 दिन या इससे अधिक दिन सिरदर्द की शिकायत होती है जबकि पुरूषों के मामले में इसका प्रतिशत 2.9 ही है।
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