कोरोना वायरस महामारी के कारण दुनिया के सबसे ताकतवर देश अमेरिका में भी छोटे बच्चों के सामने भोजन का संकट पैदा हो गया है। कोरोना महामारी की वजह से बने हालात के कारण बच्चों को खाने के लिए पर्याप्त भोजन नहीं मिल रहा है। बुधवार को जारी एक शोध में ताजा संकट के समय में व्यापक स्वास्थ्य प्रभाव पर प्रकाश डाला गया है। ब्रुकिंग्स इंस्टीट्यूट के सर्वे में पाया गया कि 12 साल या उससे कम उम्र के बच्चों की 17.4 प्रतिशत माताओं ने बताया कि पैसों की कमी के कारण उनके बच्चे पर्याप्त मात्रा में भोजन नहीं कर पा रहे हैं।
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शोध की मुख्य लेखक लॉरेन बॉयर के मुताबिक, “यह स्पष्ट है कि बच्चे आधुनिक समय में अभूतपूर्व खाद्य असुरक्षा का सामना कर रहे हैं। देश में 18 से कम उम्र के बच्चों वाले घरों में खाद्य असुरक्षा 2008 के मुकाबले आज लगभग 130 प्रतिशत बढ़ गई है। कोविड-19 संकट के परिणामों को मापने के लिए किेये गए सर्वेक्षण के नतीजे 2008 के वित्तीय संकट की तुलना में बदतर हैं। बॉयर इस नतीजे को "खतरनाक" बताती हैं।
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साथ ही लॉरेन बॉयर कहती हैं कि घरों में भोजन की मात्रा में कटौती हो रही है और बच्चों को जबरन भोजन नहीं लेने को कहा जा रहा है। उनके मुताबिक परिवार भोजन वितरण केंद्रों से खाना नहीं ले रहे हैं और घर में बड़े बच्चे अपने भाई-बहनों के बीच सीमित भोजन के लिए होड़ मचाते हैं। बॉयर खाद्य सुरक्षा कार्यक्रम और लाभ के स्तर को बढ़ाने के लिए सरकार से अपील कर रही हैं।
कोरोना वायरस के फैलाव को रोकने के लिए आर्थिक गतिविधियों में लगी रोक के कारण अमेरिका में करीब 3 करोड़ लोग बेरोजगार हो चुके हैं। अप्रैल महीने के रोजगार पर रिपोर्ट इस शुक्रवार को आने वाली है और आशंका है कि रिपोर्ट में बेरोजगारी दर बेतहाशा बढ़ेगी। आशंका है कि देश में बेरोजगारी दर 20 फीसदी तक पहुंच सकती है, जो कि ग्रेट डिप्रेशन में भी नहीं देखने को मिली थी। कोरोना वायरस के कारण अमेरिका में 72,000 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है और करीब 12 लाख लोग संक्रमित हो चुके हैं।
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