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श्रीलंका में हालात सामान्य होने तक परिवार समेत नौसैनिक अड्डे पर रहेंगे महिंदा राजपक्षे, सेना देगी सुरक्षा

श्रीलंकाई रक्षा मंत्रालय के सचिव ने कहा कि जब देश में हालात सामान्य हो जाएंगे, तब राजपक्षे को उनके इच्छित स्थान पर ले जाया जाएगा। सेना राजपक्षे को कितना भी समय लगे, सुरक्षा मुहैया कराएगी, क्योंकि बतौर पूर्व प्रधानमंत्री वह जीवन भर सुरक्षा के हकदार हैं।

फोटोः IANS
फोटोः IANS 

आर्थिक और राजनीतिक संकट में घिरे श्रीलंका में व्यापक हिंसा शुरू होने के बाद परिवार समेत कोलंबो छोड़ चुके पूर्व प्रधानमंत्री महिंदा राजपक्षे और उनका परिवार तब तक त्रिंकोमाली नौसैना अड्डे पर रहेगा, जब तक कि देश में स्थिति सामान्य नहीं हो जाती। सेना उन्हें पूरी सुरक्षा देगी।

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व्यापक हिंसा के बाद मजबूरन कोलंबो से भागने के बाद श्रीलंकाई रक्षा मंत्रालय के सचिव कमल गुणरत्ने ने बुधवार को यह घोषणा की। समाचार एजेंसी सिन्हुआ की रिपोर्ट के अनुसार, मीडिया को संबोधित करते हुए गुणरत्ने ने कहा कि जब देश में स्थिति सामान्य हो जाएगी, तब राजपक्षे को उनके इच्छित स्थान पर ले जाया जाएगा। रक्षा सचिव ने कहा कि चाहे इसमें कितना भी समय लगे, सेना राजपक्षे को तब तक सुरक्षा मुहैया कराएगी, क्योंकि एक पूर्व प्रधानमंत्री के तौर पर वह जीवन भर सुरक्षा के हकदार हैं।

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राजपक्षे, उनकी पत्नी शिरंथी और उनके सबसे छोटे बेटे रोहिता सहित उनका समस्त परिवार मंगलवार की सुबह प्रधानमंत्री के सरकारी आवास टेंपल ट्रीज से वायुसेना के हेलीकॉप्टर से रवाना हुआ था। सोमवार को उनके इस्तीफे के बाद से देश में हिंसा भड़क गई थी।

सोमवार को सरकार विरोधी प्रदर्शनकारियों के साथ सरकार समर्थक समूहों की झड़प के बाद देश में कई हिंसक घटनाएं हुई हैं, जिसमें एक सांसद सहित आठ लोगों की मौत हो चुकी है और 200 से अधिक लोग घायल हो गए हैं। हालात को देखते हुए पूरे देश में कर्फ्यू लगा दिया गया है।
देशव्यापी कर्फ्यू को गुरुवार सुबह तक बढ़ा दिया गया है।

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1948 में स्वतंत्रता प्राप्त करने के बाद से सबसे गंभीर आर्थिक संकट से जूझ रहा यह द्वीप राष्ट्र वर्तमान में बिना सरकार के ही है। डॉलर की किल्लत और महंगाई की वजह से गंभीर वित्तीय संकट के बीच राजपक्षे के इस्तीफे की मांग को लेकर 31 मार्च से शुरू हुआ विरोध पूरे देश में जारी है। विरोध के मद्देनजर कैबिनेट ने इस्तीफा दे दिया लेकिन महिंदा राजपक्षे ने उनके नेतृत्व में एक नई कैबिनेट का गठन किया।

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ईंधन और गैस की कमी और घंटों बिजली कटौती के कारण लोग सड़कों पर उतर आए और सरकार से तत्काल इस्तीफे की मांग की। इस बीच, राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे ने विपक्ष से सर्वदलीय सरकार बनाने का आग्रह किया है, लेकिन इसने राजपक्षे के पद छोड़ने तक ऐसा करने से इनकार कर दिया है। सरकार के स्वामित्व वाली सीलोन पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन ने बुधवार को घोषणा की कि मौजूदा सुरक्षा स्थिति के कारण ईंधन वितरण को अस्थायी रूप से निलंबित कर दिया गया है।

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