काबुल एयरपोर्ट पर पिछले हफ्ते घातक आत्मघाती हमले के बाद तालिबान ने इस्लामिक स्टेट (खोरासान प्रांत) पर नकेल कसना शुरू कर दिया है। इसी कड़ी में तालिबान ने आज दो दाएश आतंकवादियों को पकड़ा है, जो कथित तौर पर मलेशिया के नागरिक हैं। एयरपोर्ट पर घातक आत्मघाती हमले में आठ अमेरिकी नौसैनिक और एक दर्जन से अधिक तालिबान लड़ाकों सहित 70 से ज्यादा लोग मारे गए थे।
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अफगानिस्तान में रूसी राजदूत दिमित्री जिरनोव ने न्यूज एजेंसी तास से बातचीत में तालिबान की इस कार्रवाई की पुष्टि की है। उन्होंने कहा कि "जहां तक मैं जानता हूं कि तालिबान ने आज दो दाएश आतंकवादियों को पकड़ा है, जो कथित तौर पर मलेशिया के नागरिक हैं। इसलिए मैं जानता हूं कि वे दाएश के साथ सख्ती से निपटेंगे।"
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रूसी राजदूत दिमित्री जिरनोव ने बताया कि इस्लामिक स्टेट (आईएसकेपी) या दाएश देश में राजनीतिक पकड़ बनाने के लिए तालिबान के साथ प्रतिस्पर्धा कर रहा है और अब तक उनके बीच के अंतर्विरोधों को सुलझाया नहीं जा सका है। जिरनोव ने कहा, आईएसकेपी ने कहा है कि समूह की विश्वसनीयता और वैधता को कम करने के इरादे से काबुल हवाई अड्डे पर हमले का असली लक्ष्य अमेरिकी नहीं, बल्कि तालिबानी थे।
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रूसी राजदूत जिरनोव ने एक साक्षात्कार में कहा कि आतंकवादी हमला तालिबान के लिए एक झटका था। उन्होंने कहा कि युद्ध अपरिवर्तनीय है। अगर वास्तव में हवाई अड्डे पर दाएश था, तो यह अमेरिका के लिए नहीं, बल्कि तालिबान के लिए एक चुनौती थी। क्योंकि तालिबान ने इस समय अफगानिस्तान की जिम्मेदारी ली है। साथ ही उन्होंने कहा, "स्वाभाविक रूप से, हवाईअड्डे के आसपास जो कुछ हो रहा है, उसके लिए उन्हें पूरी तरह से जिम्मेदार नहीं ठहराया जा सकता है। लेकिन (नुकसान) उनकी छवि को नुकसान पहुंचा है।"
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वहीं, नाम न जाहिर करने की शर्त पर एक विश्लेषक ने कहा, "तालिबान इस बात से पूरी तरह वाकिफ है कि आईएसकेपी आतंकी हमलों से संतुष्ट नहीं होगा, बल्कि अपने बड़े सपनों को पूरा करने के लिए क्षेत्र पर कब्जा करने की कोशिश करेगा।"
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