पीएम मोदी के बुलावे पर हाल ही में भारत दौरे पर आए इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू पर उनके देश में गंभीर भ्रष्टाचार के आरोप लगे हैं। आरोपों की जांच के बाद इजरायली पुलिस ने नेतन्याहू के खिलाफ कथित भ्रष्टाचार के दो मामलों में मुकदमा चलाने की सिफारिश की है। आरोप लगने के बाद नेतन्याहू के इस्तीफे की अटकलें तेज हो गईं। लेकिन, उन्होंने अपने पद से इस्तीफा देने से साफ इनकार कर दिया है। इजरायल की सरकारी टीवी पर जारी बयान में नेतन्याहू ने कहा कि उनके खिलाफ लगाए गए सभी आरोप बेबुनियाद हैं और वे इस्तीफा नहीं देंगे। उन्होंने कहा कि वे प्रधानमंत्री पद पर बने रहेंगे। उन्होंने कहा, “मेरे खिलाफ लगाए जा रहे आरोपों का कोई नतीजा नहीं निकलने वाला है, क्योंकि ये बेबुनियाद हैं।”
इजरायली पुलिस का कहना है कि नेतन्याहू पर रिश्वत लेने, धोखाधड़ी करने और भरोसा तोड़ने के आरोपों में मुकदमा चलाया जाना चाहिए। पुलिस की ओर से जारी बयान में दावा किया गया है कि प्रधानमंत्री के खिलाफ मुकदमा चलाने के लिए पर्याप्त सबूत हैं।
वहीं, इजरायल के कानून के अनुसार पीएम नेतन्याहू को औपचारिक रूप से आरोपी बनाकर मुकदमा चलाने की जिम्मेदारी एटॉर्नी जनरल कार्यालय की है। लेकिन इजरायल के कानून मंत्री ने साफ तौर पर कहा है कि पीएम नेतन्याहू पर जिन मामलों में आरोप लगे हैं, उनमें इस्तीफा देने की बाध्यता नहीं है। नेतन्याहू से पुलिस अब तक कम से कम 7 बार पूछताछ कर चुकी है। 68 वर्षीय नेतन्याहू दूसरी बार प्रधानमंत्री बने हैं और वे 2009 से इस पद पर हैं।
क्या हैं नेतन्याहू के खिलाफ आरोप
पुलिस ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि इजरायली नागरिक और हॉलीवुड प्रोड्यूसर एर्नोन मिलचैन और ऑस्ट्रेलिया नागरिक जेम्स पैकर साल 2007 से 2016 तक नेतन्याहू और उनके परिवार को बेहद मंहगे उपहार देते रहे हैं। इन उपहारों में कीमती शैंपेन, सिगार और आभूषण शामिल हैं। इन तोहफों की कीमत कई हजार डॉलर बताई जा रही है। आरोप है कि मिलचन ने अमरीकी वीजा हासिल करने में मदद के बदले ये तोहफे दिए। मिलचन ने तोहफों के बदले नेतन्याहू पर एक कानून बनाने का भी दबाव बनाया, जिसके तहत दूसरे देशों से वापस लौटने वाले इजरायली नागरिकों को टैक्स में 10 साल तक की छूट दिए जाने का प्रावधान है।
ऑस्ट्रेलियाई अरबपति जेम्स पेकर से जुड़े एक मामले में भी पुलिस को नेतन्याहू पर धोखाधड़ी करने और लोगों का भरोसा तोड़ने का संदेह है। पैकर ने पुलिस के सामने स्वीकार किया है कि उसने पीएम और उनकी पत्नी को मंहगे तोहफे दिए थे।
पीएम नेतन्याहू पर यह भी आरोप है कि उन्होंने इजरायली अखबार ‘येदिओथ अहरोनोथ’ के मालिक से अपने पक्ष में कवरेज के लिए सीक्रेट डील की थी। इस मामले में नेतन्याहू और अखबार के मालिक एरनोन मोजेज के खिलाफ घूसखोरी,धोखाधड़ी और पद के दुरुपयोग के आरोपों की जांच अभी चल रही है।
पहले भी लगते रहे हैं आरोप
नेतन्याहू पर पहले भी भ्रष्टाचार के आरोप लगते रहे हैं। दो दशक पहले नेतन्याहू के पहले कार्यकाल के बाद उन पर प्रधानमंत्री रहने के दौरान मिले कई मंहगे तोहफे अपने पास रखने के आरोप लगे थे। इसमें उनकी पत्नी सारा के खिलाफ भी आपराधिक मुकदमा चलाने की सिफारिश की गई थी। लेकिन बाद में सभी आरोप रद्द कर दिए गए थे। इसके अलावा, जुलाई 20015 में उनपर एक ठेकेदार को अपने निजी काम के बदले सरकारी कोष से पैसे देने के भी आरोप लग चुके हैं। हालांकि, ये आरोप भी रद्द कर दिए गए थे।
नेतन्याहू पिछेल 12 वर्षों से इजरायल के प्रधानमंत्री हैं। देश में अगले साल चुनाव होने हैं। पीएम नेतन्याहू ने दावा किया है कि वो चुनाव में जनता का भरोसा जीतकर दिखाएंगे। इजरायल में शीर्ष नेताओं को भ्रष्टाचार के मामलों में सजा होना कोई नई बात नहीं है। हाल ही में, इजराइल के पूर्व प्रधानमंत्री एहुद ओलमार्ट को 2006 से 2009 के बीच प्रधानमंत्री रहने के दौरान भ्रष्टाचार के एक मामले में दोषी पाए जाने के लिए 27 महीने जेल की सजा सुनाई गई थी।
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