इजरायल ने दक्षिण अफ्रीका द्वारा गाजा में नरसंहार का आरोप लगाते हुए दायर एक मामले की सुनवाई में हेग स्थित अंतर्राष्ट्रीय न्यायालय (आईसीजे) में पेश होने का फैसला किया है।
समाचार एजेंसी शिन्हुआ की रिपोर्ट के अनुसार, इजरायली समाचार वेबसाइट वाईनेट ने सोमवार रात एक रिपोर्ट में कहा कि यह फैसला इजरायल में प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू के नेतृत्व में वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा गहन चर्चा से पहले लिया गया था।
इजरायल के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार तजाची हानेग्बी ने वाईनेट को बताया, "इजरायल ने दशकों से नरसंहार के खिलाफ कन्वेंशन पर हस्ताक्षर किए हैं। हम निश्चित रूप से कार्यवाही का बहिष्कार नहीं करेंगे, बल्कि पेश होंगे और हमारे खिलाफ बेतुकी साजिश को नाकाम करेंगे।''
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आईसीजे ने गाजा पट्टी में फिलिस्तीनियों से संबंधित नरसंहार के अपराध की रोकथाम और सजा पर कन्वेंशन के तहत अपने दायित्वों के इजरायल द्वारा कथित उल्लंघन के संबंध में 29 दिसंबर 2023 को दायर दक्षिण अफ्रीका के मामले की पुष्टि की है।
आईसीजे में अपने 84 पेज के आवेदन के बाद दक्षिण अफ्रीका के राष्ट्रपति ने एक बयान में कहा कि देश नरसंहार को रोकने के लिए बाध्य है।
बीबीसी ने बयान के हवाले से कहा, "दक्षिण अफ्रीका गाजा पट्टी पर बल के अंधाधुंध प्रयोग के कारण वर्तमान इजरायली हमलों में फंसे नागरिकों की दुर्दशा को लेकर गंभीर रूप से चिंतित है।
"इसके अलावा, मानवता के खिलाफ अपराध और युद्ध अपराध जैसे अंतर्राष्ट्रीय अपराधों की लगातार रिपोर्ट्स आ रही हैं। साथ ही ऐसी रिपोर्ट भी हैं जो नरसंहार या संबंधित अपराधों के संदर्भ में हैं जो अभी भी किए जा सकते हैं। "
जवाब में, इजरायल के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता लियोर हयात ने कहा कि दक्षिण अफ्रीका एक ऐसे आतंकवादी संगठन के साथ सहयोग कर रहा था, जो इजरायल राष्ट्र को नष्ट करने का आह्वान कर रहा है। हमास गाजा पट्टी में फिलिस्तीनियों को मानव ढाल के रूप में इस्तेमाल करने और उनसे मानवीय सहायता चुराने के लिए जिम्मेदार है।
हयात ने कहा, "इज़राइल अंतर्राष्ट्रीय कानून के प्रति प्रतिबद्ध है और उसके अनुसार कार्य करता है, और अपने सैन्य प्रयासों को केवल हमास आतंकवादी संगठन और हमास के साथ सहयोग करने वाले अन्य आतंकवादी संगठनों के खिलाफ निर्देशित करता है।
दक्षिण अफ्रीका गाजा में इजरायल के चल रहे सैन्य अभियान की अत्यधिक आलोचना कर रहा है।
नवंबर 2023 में उसने इजरायल से अपने सभी राजनयिकों को वापस बुला लिया था।
बदले में, इजरायल ने प्रिटोरिया से अपने राजदूत को वापस बुला लिया।
इसके अलावा, दक्षिण अफ्रीकी नेशनल असेंबली ने इजरायल के साथ सभी राजनयिक संबंधों को निलंबित करने के लिए मतदान किया, लेकिन सरकार ने अभी तक वोट पर औपचारिक रूप से कार्रवाई नहीं की है।
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