फिलिस्तीन के गाजा पर जारी इजरायल के भीषण हमलों पर विरोध दर्ज कराते हुए कोलंबिया और चिली ने यहूदी देश से अपने-अपने राजदूतों को वापस बुला लिया है। दोनों देशों ने गाजा पर इजरायल के हमलों को नरसंहार करार दिया है। बुधवार को एक्स पर पोस्ट में कोलंबियाई राष्ट्रपति गुस्तावो पेट्रो ने कहा, "मैंने बातचीत के लिए इज़रायल में अपने राजदूत को वापस बुलाने का फैसला किया है। अगर इज़रायल गाजा में फिलिस्तीनी लोगों का नरसंहार नहीं रोकता है, तो हम वहां नहीं रह सकते।"
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इससे पहल मंगलवार देर रात एक बयान में कोलंबियाई विदेश मंत्रालय ने कहा कि सरकार गाजा में इजरायली सुरक्षा बलों के हमलों की कड़ी निंदा करती है। सरकार इस दायित्व को दोहराती है कि इजरायल के सुरक्षा बलों को अंतरराष्ट्रीय मानवीय कानूनों का पालन करना होगा। साथ ही कहा कि दुनिया के सभी देशों द्वारा दोनों देशों की पूर्ण मान्यता से ही क्षेत्र में शांति आएगी।
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इस बीच, चिली के विदेश मंत्रालय ने भी कहा कि इज़रायल से राजदूत को वापस बुलाने का निर्णय गाजा पट्टी में देश के "अंतर्राष्ट्रीय मानवीय कानून के उल्लंघन" को लेकर था। मंत्रालय ने कहा, "चिली कड़ी निंदा करता है और बड़ी चिंता के साथ कहता है ये सैन्य अभियान गाजा में फिलिस्तीनी नागरिक आबादी को सामूहिक सजा दे रहा है, अंतर्राष्ट्रीय कानून का सम्मान नहीं कर रहा है। आठ हजार से अधिक नागरिकों की मौत हो गई है। मरने वालों में अधिकतर महिलाएं और बच्चे हैं।''
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चीली सरकार के बयान में कहा गया है कि चिली के राष्ट्रपति ने "सैकड़ों हजारों आंतरिक रूप से विस्थापित लोगों और नागरिक पीड़ितों की मदद के लिए मानवीय सहायता अभियान चलाने" के लिए "शत्रुता को तत्काल समाप्त करने" का आह्वान किया। इससे पहले बोलिविया ने भी इज़रायल के साथ राजनयिक संबंध तोड़ने का फैसला किया था।
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