तालिबानी कब्जे के बाद अफगानिस्तान में अस्थिरता जारी है। इस बीच राजधानी काबुल में पिछले महीने हुए आत्मघाती हमले को लेकर आतंकवादी संगठन इस्लामिक स्टेट खुरासान प्रांत ने बड़ा दावा किया है। दावे के मुताबिक, काबुल में आत्मघाती हमला करने वाला आतंकी 5 साल पहले भारत में कैद था। इस आतंकी को दिल्ली में पकड़ा गया था। आतंकी संगठन ने अपनी एक पत्रिका में यह दावा किया है। इसमे कहा गया है कि दिल्ली में पकड़े गए आतंकी को कुछ समय बाद अफगानिस्तान भेज दिया गया था। आतंकी का नाम अब्दुर रहमान अल-लगोरी था। वह कश्मीर में हमला करने के मकसद से भारत में घुसा था, लेकिन बाद में पकड़ा गया।
Published: 19 Sep 2021, 9:56 AM IST
आतंकी संगठन ISKP की पत्रिका में छपे एक लेख में कहा गया है, “भाई को पांच साल पहले भारत में गिरफ्तार किया गया था। वह एक फिदायीन (आत्मघाती हमलावर) ऑपरेशन करने के लिए दिल्ली गया था। भाई को अफगानिस्तान भेज दिया गया था, लेकिन उसने घर ना जाकर अपना ऑपरेशन पूरा किया।
लेख में आगे कहा गया है, “भाई को तब गिरफ्तार किया गया था, जब वह कश्मीर का बदला लेने के लिए गौ-पूजा करने वाले हिंदुओं पर एक फिदायीन ऑपरेशन करने के लिए दिल्ली गया था, लेकिन अल्लाह ने दूसरा फैसला किया और भाई का कैद में इम्तिहान हुआ। फिर उसे अफगानिस्तान भेज दिया गया। अल्लाह से किए अपने वादे पर खरा उतरते हुए भाई घर नहीं गया, बल्कि उसने अपने ऑपरेशन को अंजाम दिया।”
Published: 19 Sep 2021, 9:56 AM IST
गौरतलब है कि पिछले महीने काबुल के हामिद करजई अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे के बाहर ऐसे सयम में हुआ था जब हजारों की संख्या में अफगानी देस छोड़कर बाहर जाने के लिए यहां पहुंचे थे। हमले में 200 से ज्यादा लोग मारे गए थे। इसमें 13 अमेरिकी मरीन कमांडर भी शामिल थे।
आतंकी संगठन के इस दावे के बाद भारतीय खुफिया एजेंसियों की बेचैनी बढ़ गई है, क्योंकि साल 2016 के आसपास सच में एक ऑपरेशन हुआ था, जिसमें स्टूडेंट के तौर पर दिल्ली में रह रहा शख्स गिरफ्तार किया गया था। उसे दिल्ली-हरियाणा बॉर्डर की सीमा पर स्थित एक कॉलेज से गिरफ्तार किया गया था।
Published: 19 Sep 2021, 9:56 AM IST
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Published: 19 Sep 2021, 9:56 AM IST