अमेरिका द्वारा प्रतिबंधों की धमकी के बीच ईरान की सेना के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि ईरान तब तक अपने मिसाइल कार्यक्रम पर बातचीत नहीं करेगा, जब तक यूरोप और अमेरिका अपने परमाणु हथियारों और मिसाइलों को नष्ट नहीं कर देते। समाचार एजेंसी सिन्हुआ के मुताबिक, ईरान की सेनाओं के उपसेना प्रमुख ब्रिगेडियर जनरल मसूद जाजायेरी ने कहा, “अमेरिका जिस हताशा के साथ ईरान की परमाणु क्षमताओं पर प्रतिबंध लगाने की बात कर रहा है, वह सपना कभी पूरा नहीं होने वाला।”
जनरल मसूद जाजायेरी ने आगे कहा, “ईरान की परमाणु शक्ति को लेकर अमेरिका की चिंता इस क्षेत्र में उनकी निराशा और हार से उपजी है। इसके अलावा ईरान के रक्षा शक्ति के विकास से अमेरिका कमजोर स्थिति में आ गया है।” जाजायेरी ने अमेरिका से क्षेत्र छोड़ कर जाने का आग्रह किया है।
उपसेना प्रमुख ने कहा, “ईरान के मिसाइल कार्यक्रम के लिए वार्ता की पूर्व शर्त यह है कि अमेरिका और यूरोप अपने परमाणु हथियारों और लंबी दूरी की मिसाइलों को नष्ट करें।” ईरान ने दोहराया कि उसके सैन्य बल रक्षा क्षमताओं को बढ़ाना जारी रखेंगे।
गौरतलब है कि अमेरिका के दबाव में यूरोप ने ईरान पर मिसाइल कार्यक्रमों पर दोबारा चर्चा के लिए दबाव बढ़ाया है। ऐसा नहीं होने पर नए प्रतिबंधों की तरफ भी इशारा किया गया है। जिसके जवाब में ईरान ने भी सख्त रुख अपनाते हुए अमेरिका और यूरोप को आईना दिखाने की कोशिश की है।
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