ईरान में ठीक से हिजाब नहीं पहनने के आरोप में हिरासत में ली गई 22 वर्षीय महसा अमिनी की पुलिस अभिरक्षा में मौत के खिलाफ भड़का जनाक्रोश तेज होता जा रहा है और पूरे देश में फैलता जा रहा है। इस बीच अधिकारियों ने कहा है कि वे सड़कों पर शांति आने तक देश में इंटरनेट सेवा बहाल नहीं करेंगे।
पिछले हफ्ते पुलिस हिरासत में महसा अमिनी की मौत पर विरोध प्रदर्शन ने इस्लामिक गणराज्य को हिला कर रख दिया है, जिसे तेहरान में पकड़ लिया गया था और एक 'री-एजुकेशन सेंटर' में ले जाया गया था, जाहिर तौर पर इसकी वजह ठीक से हिजाब नहीं पहनना था। अमीनी की मौत के खिलाफ हजारों ईरानी विरोध में सड़कों पर उतर आए हैं।
Published: 24 Sep 2022, 10:26 PM IST
सीएनएन ने बताया कि शुक्रवार से राजधानी तेहरान सहित देश भर में कम से कम 40 शहरों में प्रदर्शन हुए हैं, जिसमें प्रदर्शनकारियों ने महिलाओं के खिलाफ हिंसा और भेदभाव को समाप्त करने के साथ-साथ हिजाब पहनने की अनिवार्यता को समाप्त करने की मांग की है।
Published: 24 Sep 2022, 10:26 PM IST
सुरक्षा बलों के साथ हुई झड़पों में दर्जनों प्रदर्शनकारी कथित तौर पर मारे गए हैं। एमनेस्टी इंटरनेशनल ने शुक्रवार को कहा कि चार बच्चों समेत कम से कम 30 लोगों की मौत हुई है। सरकारी मीडिया इस्लामिक रिपब्लिक ऑफ ईरान ब्रॉडकास्टिंग के मुताबिक अब तक 35 लोगों की मौत हो चुकी है।
Published: 24 Sep 2022, 10:26 PM IST
सीएनएन ने बताया कि अधिकारियों को उम्मीद है कि इंटरनेट पर प्रतिबंध लगाकर वे विरोध को नियंत्रण में ला सकते हैं। शुक्रवार को स्टेट ब्रॉडकास्टर कफकइ से बात करते हुए ईरान के संचार मंत्री अहमद वाहिदी ने कहा कि दंगों के खत्म होने तक, इंटरनेट पर प्रतिबंध रहेगा। सोशल मीडिया के माध्यम से दंगा को रोकने के लिए, हम इंटरनेट पर प्रतिबंध लगाने के लिए बाध्य हैं।
Published: 24 Sep 2022, 10:26 PM IST
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Published: 24 Sep 2022, 10:26 PM IST