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भीषण भूकंप से तुर्की और सीरिया में 1300 लोगों की मौत, भारत ने NDRF के साथ मेडिकल टीम भेजने का लिया फैसला

तुर्की और सीरिया में आज तड़के 7.8 तीव्रता के भूकंप से बॉर्डर के दोनों ओर भारी तबाही हुई है और कई शहर मलबे में तब्दील हो गए है। अब तक 1300 से ज्यादा लोगों की मौत की खबर है और 3000 से ज्यादा लोग घायल हो गए हैं। मरने वालों की संख्या बढ़ने की आशंका है।

फोटोः सोशल मीडिया
फोटोः सोशल मीडिया 

तुर्की और सीरिया में आए विनाशकारी भूकंप से भारी तबाही हुई है। अब तक 1300 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि 3000 से ज्यादा लोग घायल हुए हैं। इस भीषण भूकंप से तुर्की में सबसे ज्यादा असर हुआ है। तुर्की के हालात पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गहरा दुख व्यक्त किया है और दुख की इस घड़ीं में वहां के लोगों के साथ एकजुटता व्यक्त करते हुए हरसंभव सहायता का ऐलान किया है। पीएम मोदी के ऐलान के बाद सरकार ने तुर्की में राहत और बचाव के लिए एनडीआरएफ की दो टीम के साथ चिकित्सकों के दल को फौरन वहां भेजने का फैसला लिया है।

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तुर्की में सोमवार को आए विनाशकारी भूकंप पर दुख व्यक्त करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि भारत के 140 करोड़ लोग तुर्की में आए भूकंप के पीड़ितों के साथ हैं। हम वर्तमान में तुर्की पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं जो एक विनाशकारी भूकंप से पीड़ित है। बड़ी संख्या में लोगों ने अपनी जान गंवाई है और इससे देश को भारी नुकसान हुआ है। भूकंप के असर से तुर्की के आसपास के देशों को भी भारी नुकसान हुआ है। उन्होंने कहा कि भारत भूकंप पीड़ितों की मदद के लिए तैयार है।

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तुर्की को हर संभव सहायता प्रदान करने के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के निर्देश पर प्रधानमंत्री के प्रधान सचिव डॉ. पी. के. मिश्रा ने तत्काल राहत उपायों पर चर्चा करने के लिए साउथ ब्लॉक में एक बैठक की। बैठक में निर्णय लिया गया कि तुर्की गणराज्य की सरकार के समन्वय से राहत सामग्री के साथ एनडीआरएफ और चिकित्सा दलों के खोज और बचाव दलों को तुरंत वहां भेजा जाएगा।

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इस उच्चस्तरीय बैठक में कैबिनेट सचिव, गृह मंत्रालय, एनडीएमए, एनडीआरएफ, रक्षा, विदेश मंत्रालय, नागरिक उड्डयन और स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालयों के प्रतिनिधियों ने भाग लिया। प्रधानमंत्री कार्यालय की तरफ से बताया गया कि विशेष रूप से प्रशिक्षित डॉग स्क्वॉड और आवश्यक उपकरणों के साथ 100 कर्मियों वाली एनडीआरएफ की दो टीमें खोज और बचाव कार्य के लिए भूकंप प्रभावित क्षेत्र में जाने के लिए तैयार हैं। यही नहीं आवश्यक दवाओं के साथ प्रशिक्षित डॉक्टरों के साथ मेडिकल टीमें भी तैयार की जा रही हैं। तुर्की सरकार और अंकारा में भारतीय दूतावास और इस्तांबुल में महावाणिज्य दूतावास के कार्यालय के समन्वय से राहत सामग्री भेजी जाएगी।

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गौरतलब है कि दक्षिणपूर्वी तुर्की और सीरिया में सोमवार को तड़के 7.8 तीव्रता के भूकंप के तेज झटके महसूस किए गए। इसका केंद्र गाजियांटेप के पास जमीन से 17.9 किलोमीटर अंदर था। यह क्षेत्र सीरिया बॉर्डर से 90 किमी दूर है। ऐसे में सीरिया के कई शहरों में भी भूकंप के तेज झटके आए और बॉर्डर के दोनों ओर भारी तबाही हुई और कई इमारतें ढह गईं। कई शहर मलबे में तब्दील हो गए। भूकंप संबंधी घटनाओं में अब तक 1300 से ज्यादा लोगों की मौत की खबर है और 3000 से ज्यादा लोग घायल हो गए हैं। मरने वालों की संख्या बढ़ने की आशंका है।

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