पाकिस्तान के पंजाब सूबे की मुख्यमंत्री मरियम नवाज ने बृहस्पतिवार को सिख तीर्थयात्रियों के एक समूह से मुलाकात की, जिनमें से अधिकतर भारत से आए हैं। उन्होंने याद किया कि उनके पिता नवाज शरीफ ने कहा था कि देश को अपने पड़ोसियों के साथ नहीं लड़ना चाहिए।
बैसाखी उत्सव में शामिल होने के लिए भारत से लगभग 2,400 सिख मौजूदा समय में पाकिस्तान की यात्रा पर हैं।
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मरियम ने करतारपुर स्थित गुरुद्वारा दरबार साहिब में लोगों को संबोधित करते हुए अपने पिता और तीन बार के पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ को उद्धृत किया, ‘‘हमें अपने पड़ोसियों से नहीं लड़ना चाहिए। हमें उनके लिए अपना दिल खोलने की जरूरत है।’’
सिख तीर्थयात्री पहले सिख गुरु, गुरु नानक देव की समाधि पर मत्था टेकने के लिए बृहस्पतिवार को करतारपुर साहिब पहुंचे। मरियम ने वहां उनसे मिलने के लिए भी योजना बनाई थी।
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मरियम (50) को नवाज शरीफ का राजनीतिक उत्तराधिकारी माना जाता है। वह फरवरी में पाकिस्तान की पहली महिला मुख्यमंत्री चुनी गईं।
मरियम ने कहा कि यह पहली बार है कि पाकिस्तान में बैसाखी का त्योहार सरकारी स्तर पर मनाया जा रहा है। उन्होंने कहा, ‘‘यह मेरा पंजाब है और हम होली, ईस्टर और बैसाखी जैसे सभी अल्पसंख्यक त्योहार एक साथ मना रहे हैं।’’
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उन्होंने आगे कहा, ‘‘हम यहां भारतीय पंजाब के लोगों की तरह पंजाबी बोलना चाहते हैं। मेरे दादा, मियां शरीफ, जाती उमरा, अमृतसर के निवासी थे। जब एक पंजाबी भारतीय जाती उमरा की मिट्टी लेकर आए, तो मैंने उसे उनकी कब्र पर रख दिया।’’
मरियम ने अमृतसर से आई एक भारतीय महिला को गले लगाया और एक-दूसरे को अभिवादन किया। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान के किसी प्रांत की पहली महिला मुख्यमंत्री बनने के बाद उन्हें भारत के पंजाब से कई बधाई संदेश मिले।
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