पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने अपने खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाने के लिए विपक्षी दिग्गजों- शहबाज शरीफ, आसिफ जरदारी और मौलाना फजलुर रहमान का शुक्रिया अदा करते हुए कहा कि इससे उनकी पार्टी को लोकप्रियता हासिल करने में मदद मिली। एक्सप्रेस ट्रिब्यून के मुताबिक, खान ने शनिवार को पंजाब के कमालिया जिले में एक जनसभा को संबोधित करते हुए कहा, "हमारे अलग-थलग पड़े पार्टी कार्यकर्ता (विपक्षी नेताओं के) असली चेहरों को देखकर (पीटीआई में) लौट आए हैं। जब वे अच्छे और बुरे के बीच फर्क करना बंद कर देते हैं, तब मुल्क का पतन हो जाता है।"
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एक्सप्रेस ट्रिब्यून की रिपोर्ट के अनुसार, पीएमएल-एन के अध्यक्ष शहबाज शरीफ को 'बूट पॉलिशर' और 'चेरी ब्लॉसम' बताते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि शरीफ जानते हैं कि अगर उनकी सरकार सत्ता में बनी रहती तो उन्हें भ्रष्टाचार के आरोपों के कारण सलाखों के पीछे डाल दिया जाता।
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इमरान ने पूर्व प्रधानमंत्री और पीएमएल-एन सुप्रीमो नवाज शरीफ पर निशाना साधते हुए कहा कि उन्होंने देश की राजनीति में खरीद-फरोख्त की शुरुआत की थी। खान ने कहा, "अगर वह (नवाज) पाकिस्तान लौटते हैं, तो वह पहले न्यायपालिका पर हमला करेंगे। वह न्यायाधीशों के बीच दरार पैदा करने की कोशिश कर रहे हैं और वह कभी भी एक स्वतंत्र न्यायपालिका को काम नहीं करने देंगे।"
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उन्होंने कहा कि इलाज के लिए 2019 से लंदन में रह रहे नवाज भी सत्ता में आने के बाद सेना को निशाना बनाएंगे, क्योंकि खुद को जवाबदेही से बचाने के लिए वह सभी संस्थानों को नियंत्रित करना चाहते हैं। खान ने कहा कि बेनाम संपत्ति वाले राजनीतिक नेता कभी भी स्वतंत्र विदेश नीति का पालन नहीं कर सकते इस डर से कि उनकी संपत्ति जब्त की जा सकती है।
यूरोपीय संघ के राजनयिकों के खिलाफ अपनी टिप्पणी की विपक्ष की आलोचना का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा, "मैं किसी अन्य देश के साथ किसी देश के संबंधों को तनावपूर्ण नहीं करना चाहता, लेकिन 'बूट पॉलिशिंग' और संतुलित संबंध बनाए रखने में फर्क है।"
आईएएनएस के इनपुट के साथ
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