पाकिस्तान की जेल में बंद देश के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान ब्रिटेन की प्रतिष्ठित ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय के चांसलर पद के लिए चुनाव लड़ सकते हैं। चर्चा है कि इमरान जेल से ही ऑनलाइन नामांकन करके यह चुनाव लड़ने की तैयारी में हैं। इमरान ने इसी विश्वविद्यालय से शिक्षा प्राप्त की है। यह जानकारी उनके करीबी सहयोगी और मीडिया की खबरों से मिली।
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‘द टेलीग्राफ’, ब्रिटेन की खबर के अनुसार, ‘‘इमरान खान पाकिस्तान में अपनी जेल कोठरी से ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय के चांसलर पद का चुनाव लड़ेंगे। पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री और पूर्व क्रिकेटर खान 10 साल की जेल की सजा काट रहे हैं, इसके बावजूद वह ऑनलाइन चुनाव में हिस्सा लेंगे।’’ अखबार ने खान के अंतरराष्ट्रीय मामलों के सलाहकार और उद्यमी सईद जुल्फी बुखारी के हवाले से कहा, ‘‘इमरान खान ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय के चांसलर पद का चुनाव लड़ेंगे क्योंकि जनता की मांग है कि उन्हें चुनाव लड़ना चाहिए।’’
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पहली बार चांसलर के लिए चुनाव ऑनलाइन होगा, जबकि पारंपरिक प्रक्रिया में स्नातकों को पूरी शैक्षणिक पोशाक में प्रक्रिया में शामिल होना पड़ता है। ब्रिटेन के अखबार ने कहा कि प्रतिष्ठित चांसलर का पद विश्वविद्यालय के स्नातकों को मिलता है, जो आमतौर पर नेता होते हैं।बुखारी ने पाकिस्तान के ‘जियो न्यूज’ से बात करते हुए पुष्टि की, ‘‘इमरान खान इस पद के लिए चुनाव लड़ेंगे। ब्रिटेन के पूर्व प्रधानमंत्री सर टोनी ब्लेयर और बोरिस जॉनसन भी विश्वविद्यालय के चांसलर बनने के लिए उम्मीदवारों में शामिल हैं।’’
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हालांकि, खुद इमरान खान या उनकी पार्टी पीटीआई की ओर से कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है। ‘द टेलीग्राफ’ के अनुसार, ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय में यह पद 80 वर्षीय लॉर्ड पैटन के इस्तीफे के बाद रिक्त हुआ है, जिन्होंने 21 वर्षों तक इस पद पर रहने के बाद पद छोड़ दिया है।
इमरान खान ने 1972 में केबल कॉलेज, ऑक्सफ़ोर्ड में अर्थशास्त्र और राजनीति का अध्ययन किया। उन्होंने 1971 में पाकिस्तान के लिए पहला टेस्ट क्रिकेट मैच खेला और साथ ही ऑक्सफ़ोर्ड विश्वविद्यालय की क्रिकेट टीम की कप्तानी भी की। वर्ष 2005 में, खान ब्रैडफ़ोर्ड विश्वविद्यालय के चांसलर बने और 2014 तक इस पद पर रहे।
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पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री खान (71) कई मामलों में गिरफ़्तार किए जाने के बाद अगस्त 2023 से जेल में बंद हैं। खान को कुछ मामलों के लिए दोषी भी ठहराया गया है जिनमें सबसे लंबी सजा आज की तारीख में नौ साल की है। पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) पार्टी के संस्थापक खान अगस्त 2018 से अप्रैल 2022 तक पाकिस्तान के प्रधानमंत्री थे।
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