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Hellfire R9X missile: जानें कितनी खतरनाक है अमेरिका की R9X मिसाइल, जिसने अलकायदा सरगना जवाहिरी का किया काम तमाम

जवाहिरी को मारने के लिए जिस हेलफायर मिसाइल का सीआईए ने इस्तेमाल किया है, उसे R9X कहते हैं। इसमें बारूद की मात्रा बहुत कम होती है। इसमें तेज धार वाले धातु के ब्लेड्स होते हैं। जो मिसाइल में अलग-अलग लेयर में लगाए जाते हैं।

फोटो: Getty Images
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अलकायदा चीफ अयमान अल-जवाहिरी को मारने के लिए अमेरिका की सबसे बड़ी जासूसी संस्था सीआईए ने हेलफायर R9X मिसाइल का इस्तेमाल किया। हेलफायर R9X मिसाइल क्या है? यह कैसे काम करता? सीआईए इसका कैसे इस्तेमाल करती है? आइए यह सबकुछ जानने की कोशिश करते हैं।

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हेलफायर R9X मिसाइल कैसे काम करता है?

जवाहिरी को मारने के लिए जिस हेलफायर मिसाइल का सीआईए ने इस्तेमाल किया है, उसे R9X कहते हैं। इसमें बारूद की मात्रा बहुत कम होती है। इसमें तेज धार वाले धातु के ब्लेड्स होते हैं। जो मिसाइल में अलग-अलग लेयर में लगाए जाते हैं। इसमें बारूद का इस्तेमाल इस लिए किया जाता है ताकि धमाके के बाद इन्हें तेजी से आगे बढ़ने की ताकत दे सके। धमाका होने पर 6 ब्लेड्स का एक सेट निकलते हैं। इनके सामने आने वाला कोई भी इंसान कई टुकड़ों में कट जाता है। इस मिसाइल से सिर्फ उसी को नुकसान पहुंचता है, जिसे इससे निशाना बनाया जाता है। यह धमाके से पहले तक रिकॉर्डिंग करते रहते हैं। साथ ही धमाके से पहले टारगेट की सही स्थिति की पता लगाते रहते हैं। हेलफायर R9X मिसाइल को ड्रोन, हेलीकॉप्टर, फाइटर जेट से दागा जा सकता है। मिसाइल पर कैमरे और सेंसर्स लगे होते हैं।

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हेलफायर मिसाइल के कई प्रकार हैं

हेलफायर मिसाइल के कई किस्म के होते हैं। उनमें से एक है R9X वैरिएंट। यह वैरिएंट 45 किलोग्राम का होता है। मिसाइल को निंजा बॉम्ब और फ्लाइंग गिंसू भी कहा जाता है। इसे निंजा बॉम्ब इसलिए कहा जाता है क्योंकि निंजा मार्शल आर्टिस्ट ज्यादातर तेजधार हथियारों का इस्तेमाल करते हैं। फ्लाइंग गिंसू का मतलब उड़ने वाला चाकू। इस मिसाइल का इस्तेमाल एक या दो लोगों को मारने के लिए किया जाता है।

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R9X हेलफायर मिसाइल का इस्तेमल कब शुरू हुआ था?

अमेरिका ने पिछले कुछ सालों में इस मिसाइल का इस्तेमाल बढ़ा दिया है। अमेरिका ने R9X हेलफायर मिसाइल का इस्तेमाल रहस्यमयी तरीके से 2017 में शुरू किया था। हालांकि इसकी सूचना 2019 में दुनिया के सामने आई। अमेरिका ने इसी मिसाइल का इस्तेमाल साल 2000 में यूएसएस कोले बमबारी में मुख्य आरोपी जमाल अहम मोहम्मद अल बदावी और अलकायदा के प्रमुख आतंकी अबु खार अल-मसरी को मारने के लिए किया था। इस मिसाइल का इस्तेमाल सीरिया और अफगानिस्तान में तालिबान के खिलाफ भी किया गया। पिछले साल काबुल एयरपोर्ट पर हुए धमाके का बदला लेने के लिए अमेरिका ने इस मिसाइल इस्तेमाल किया था।

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