हमास के एक वरिष्ठ नेता ने कहा है कि संगठन ने इजरायल के खिलाफ एक अभूतपूर्व हमले के दौरान इजरायली अधिकारियों को अपनी जेलों में सभी फिलिस्तीनी कैदियों को रिहा करने का दबाव बनाने के लिए "पर्याप्त" इजरायली सैनिकों को पकड़ लिया है। यह बात शनिवार को मीडिया की एक खबर में कहा गया।
हमास के राजनीतिक ब्यूरो के उप प्रमुख सालेह अल-अरौरी ने शनिवार को अल जजीरा को बताया, "हम कई इजरायली सैनिकों को मारने और पकड़ने में कामयाब रहे। लड़ाई अभी भी जारी है।"
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वरिष्ठ अल-अरोउरी ने कहा, "(इज़राइली) जेलों में हमारे बंदियों की आजादी खतरे में है। हमारे हाथ में जो है, वह हमारे सभी कैदियों को रिहा कर देगा। जितनी लंबी लड़ाई जारी रहेगी, कैदियों की संख्या उतनी ही अधिक होगी।" पकड़े गए लोगों में अधिकारी भी शामिल थे, लेकिन उन्होंने कोई आंकड़ा नहीं दिया।
कैदियों के अधिकार के लिए काम करने वाले गैर सरकारी संगठन अदमीर के ताजा आंकड़ों का हवाला देते हुए अल जजीरा ने बताया कि लगभग 5,200 फिलिस्तीनी इजरायली जेलों में हैं, जिनमें 33 महिलाएं, 170 नाबालिग और 1,200 से अधिक को प्रशासनिक हिरासत में रखा गया है।
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इज़रायली सेना ने स्वीकार किया है कि कई सैनिक और कमांडर मारे गए हैं और युद्ध बंदी बना लिए गए हैं। फिलहाल कोई आंकड़ा नहीं दिया गया है।
घिरी हुई गाजा पट्टी को चलाने वाले संगठन हमास ने शनिवार को इजराइल पर वर्षों में सबसे बड़ा अभियान चलाया, जिसमें गाजा से दागे गए रॉकेटों की आड़ में लड़ाकों के इजराइल में घुसने के बाद दर्जनों लोग मारे गए और सैकड़ों घायल हो गए।
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मीडिया आउटलेट की रिपोर्ट के अनुसार, इस बीच हमास के सोशल मीडिया खातों पर वे फुटेज पोस्ट किए गए, जिनके बारे में कहा गया था कि इजरायली बंदी गाजा पट्टी में जिंदा ले जाए गए थे।
एन्क्लेव के स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार, इजरायली सेना ने गाजा पट्टी पर हवाई हमले किए, जिसमें कम से कम 198 फिलिस्तीनी मारे गए और सैकड़ों अन्य घायल हो गए। अल जजीरा से बात करते हुए अल-अरौरी ने कहा कि संगठन आजादी की लड़ाई लड़ रहा है।
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उन्होंने मीडिया आउटलेट को बताया, "यह कोई (हिट-एंड-रन) ऑपरेशन नहीं है, हमने एक चौतरफा लड़ाई शुरू की है। हम उम्मीद करते हैं कि लड़ाई जारी रहेगी और लड़ाई के मोर्चे का विस्तार होगा। हमारा एक प्रमुख लक्ष्य है : हमारी स्वतंत्रता और हमारे पवित्र स्थलों की स्वतंत्रता।"
आईएएनएस के इनपुट के साथ
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