ब्रिटेन में भारतीय छात्रों के एक प्रमुख संगठन ने ‘ग्रैजुएट रूट’ वीजा के पक्ष में ‘फेयर वीजा, फेयर चांस’ नाम से एक नया अभियान शुरू किया है। ‘ग्रैजुएट रूट’ वीजा अंतरराष्ट्रीय स्नातकों को उनकी डिग्री के बाद दो साल के लिए ब्रिटेन में रहने और कार्य अनुभव प्राप्त करने का मौका देता है। इसकी शुरुआत तीन वर्ष पूर्व की गई थी और तब से ही यह भारतीय छात्रों के बीच बेहद लोकप्रिय है।
Published: undefined
दरअसल, ब्रिटेन के गृह मंत्री जेम्स क्लेवरली ने एक स्वतंत्र विस्थापन सलाहकार समिति (एमसीए) को ‘ग्रैजुएट रूट’ वीजा की समीक्षा की जिम्मेदारी सौंपी है, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि यह उस उद्देश्य को पूरा करता है या नहीं, जिसके लिए इसे बनाया गया है। माना जा रहा है कि समिति अगले माह तक अपनी रिपोर्ट सौंप देगी।
Published: undefined
‘नेशनल इंडियन स्टूडेंट्स एंड एलुमनी यूनियन’ (एनआईएसएयू) ने ही इस वीजा के लिए अभियान चलाया था, उसे डर है कि इस वीजा अवधि को कम किया जा सकता है। ऑल पार्टी पार्लियामेंट्री ग्रुप (एपीपीजी) के सह-अध्यक्ष लॉर्ड करन बिलिमोरिया ने कहा, ‘‘स्नातकोत्तर के बाद दो साल तक काम करने से अंतरराष्ट्रीय छात्रों को मौका मिलता है कि वे अपनी पढ़ाई का खर्च निकाल सकें, कुछ छात्रों को बेहतरीन कार्य अनुभव प्राप्त करने आदि में मदद मिलती है।’’
Published: undefined
उन्होंने चेतावनी दी कि यदि ‘ग्रैजुएट रूट’ को कम किया गया, तो यह ब्रिटेन के लिए अपने पैर पर कुल्हाड़ी मारने जैसा होगा, क्योंकि अंतरराष्ट्रीय छात्र ब्रिटेन की अर्थव्यवस्था में 42 अरब जीबीपी का योगदान करते हैं। ब्रिटेन के गृह कार्यालय के अनुसार, 213,250 छात्रों को ‘ग्रैजुएट रूट’ के जरिये वीजा दिया गया है और इसमें भारतीय छात्रों की संख्या काफी अधिक है।
Published: undefined
Google न्यूज़, नवजीवन फेसबुक पेज और नवजीवन ट्विटर हैंडल पर जुड़ें
प्रिय पाठकों हमारे टेलीग्राम (Telegram) चैनल से जुड़िए और पल-पल की ताज़ा खबरें पाइए, यहां क्लिक करें @navjivanindia
Published: undefined