रूस के हमले के कारण यूक्रेन के बंदरगाहों पर फंसे अनाज को काला सागर के जरिए दुनिया भर में पहुंचाने के लिए आज इस्तांबुल में एक समझौते पर हस्ताक्षर किये जाएंगे। तुर्की और संयुक्त राष्ट्र की पहल पर हो रहे इस समझौते में रूस, यूक्रेन, संयुक्त राष्ट्र और तुर्की भी भागीदारी निभाएगा।
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अनाज को लेकर इस समझौते पर हस्ताक्षर के लिए कार्यक्रम इस्तांबुल में डोलमाबाह राष्ट्रपति कार्यालय में शुक्रवार को शाम 6:30 बजे आयोजित किया जाएगा, जिसमें तुर्की के राष्ट्रपति रेसेप तईप एर्दोगन और संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस भी शामिल हो सकते हैं।
समाचार एजेंसी शिन्हुआ की रिपोर्ट के अनुसार, इस समझौते पर ऐसे समय में हस्ताक्षर होने जा रहे हैं, जब यूक्रेन में अनाज के फंसे होने से वैश्विक खाद्य कमी का संकट गहराता जा रहा है। जिसे आंशिक रूप से दुनिया भर में खाद्य कीमतों में वृद्धि के लिए जिम्मेदार माना जा रहा है।
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पिछले हफ्ते, चार पक्षों ने इस्तांबुल में अपने पहले दौर की बातचीत की, जिसका उद्देश्य आपूर्ति को आसान बनाने के लिए यूक्रेन के अनाज को विश्व बाजार में पहुंचाना था। तुर्की लंबे समय से इस प्रयास में मध्यस्थ के रूप में कार्य कर रहा है, जो यूक्रेन के अनाज को समुद्री मार्गों से वैश्विक बाजार में पहुंचाना चाहता है।
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इस समझौते पर अमल के बाद इस्तांबुल यूक्रेन से अनाज निर्यात का सबसे अहम केंद्र होगा। तुर्की के अधिकारियों ने कहा है कि इस्तांबुल एक ऑपरेशनल हब बन जाएगा, जो पूरी शिपिंग प्रक्रिया का केंद्र होगा। तुर्की जलसंधि के माध्यम से काला सागर में प्रवेश करने और बाहर निकलने वाले समुद्री यातायात को नियंत्रित करता है।
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