देश की माली हालत से जूझ रहे पाकिस्तान के प्रधानमंत्री पर नई मुसीबत आ गई है। इमरान सरकार को सत्ता से हटाने के लिए इस्लामाबाद तक 'आजादी मार्च' निकालने का ऐलान करने वाले जमियते उलेमाए इस्लाम (जेयूआई-एफ) के नेता मौलाना फजलुररहमान ने चेतावनी दी है कि अगर उनके मार्च को रोका गया तो वे लोग पूरे पाकिस्तान को जाम कर देंगे। मौलाना ने एक दिन पहले ही शनिवार को कहा था इमरान सरकार की सत्ता से बेदखली तक उनकी 'जंग' जारी रहेगी। ऐसे में इमरान खान की मुश्किलें और बढ़ गई हैं।
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पेशावर में उलेमा के एक सम्मेलन में फजलुररहमान ने कहा कि देश की अर्थव्यवस्था हिचकोले खा रही है। मुल्क के अक्षम शासक विदेशी शक्तियों के इशारे पर मुल्क को और तबाही की तरफ ले जा रहे हैं। मौलाना ने कहा, "कश्मीर की जंग हम लड़ रहे हैं और शासक कश्मीर पर सौदेबाजी कर कश्मीरियों के खून को बेच रहे हैं।"
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मदरसों को देश की मुख्यधारा में लाने की सरकार की कोशिशों पर करारा प्रहार करते हुए मौलाना ने कहा कि 'मदरसों को मुख्य धारा में लाने से बेहतर है कि शासक इस्लामी धारा में आ जाएं।' फजलुररहमान ने 27 अक्टूबर को इस्लामाबाद तक मार्च निकालने का ऐलान किया हुआ है।
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इस मार्च के खिलाफ पाकिस्तान के मंत्रियों के कई बयान सामने आए हैं। पाकिस्तान के रेलवे मंत्री शेख रशीद ने कहा कि मौलान फजल की बातें इनके ही गले पड़ेंगी। इनके आगे कुआं और पीछे खाई होगी। विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्री फवाद चौधरी ने कहा कि मौलाना की पूरी कोशिश मदरसा सुधार की कोशिशों को रोकना है। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री की सूचना एवं प्रसारण मामलों की सलाहकार फिरदौस आशिक अवान ने जेल में बंद पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी और मुस्लिम लीग नवाज के नेताओं का नाम लिए बिना कहा कि 'जेल में बंद सियासी बौने मौलाना का ढाल के तौर पर इस्तेमाल कर रहे हैं।
(आईएएनएस के इनपुट के साथ)
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